केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भले ही राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर मुसलमानों को निशाना बनाते हुए भड़काऊ बयान दे रहे हों, लेकिन हक़ीकत यह है कि राम मंदिर निर्माण के लिए उनकी सरकार गंभीर नहीं है।

अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद (अहिप) के अध्यक्ष एवं राम मंदिर निर्माण को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे प्रवीण तोगड़िया का कहना है कि मोदी सरकार राम मंदिर निर्माण के नाम पर सिर्फ हिंदुओं को बेवकूफ बना रही है, वो मंदिर का निर्माण नहीं कराना चाहती।

तोगड़िया ने इसपर ख़ुलासा करते हुए कहा, “मेरे निवेदन के बावजूद मेरे समर्थकों को कारसेवकपुरम में रहने नहीं दिया जा रहा, आज कारसेवकपुरम सरकारी कारसेवकपुरम हो गया है, मेरा मोदी से झगड़ा नहीं है। मैं बीते 32 साल से राम मंदिर की मांग कर रहा हूं”।

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लखनऊ के कृष्णानगर स्थित ईको गार्डेन में अहिप के ‘अयोध्या चलो’ अभियान के तहत आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए तोगड़िया ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर भाजपा लोकसभा में 2 सीटों से लेकर पूर्ण बहुमत की सरकार तक पहुंची है।

भाजपा ने हिमाचल प्रदेश के राष्ट्रीय अधिवेशन में कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर बनवाने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन साढ़े 4 वर्ष बीतने के बाद नरेंद्र मोदी अब अयोध्या आना तक भूल गए।

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उन्होंने कहा, ‘सरकार तीन तलाक और एससी-एसटी एक्ट पर अध्यादेश ला सकती है तो राम मंदिर के लिए अध्यादेश क्यों नहीं ला सकती।

तोगड़िया ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राम मंदिर के निर्माण कानून बनाकर शुरू नहीं हुआ तो हम प्रधानमंत्री भी बदल सकते हैं।

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