सत्ता के खिलाफ़ मुखर होकर आवाज़ उठाने वाले भारतीय पत्रकार रवीश कुमार को 2019 रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। रवीश को यह पुरस्कार उनकी निडर और जनसरोकार के लिए किए जाने वाली पत्रकारिता के लिए दिया गया है।

एशिया का नोबेल पुरस्कार कहे जाने वाला प्रतिष्ठित मैगसेसे पुरस्कार 12 साल बाद किसी भारतीय पत्रकार को मिला है।इससे पहले 2007 में पी साईनाथ को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। शुक्रवार को रमन मैग्सेसे कमेटी ने एक ट्वीट में बताया कि रवीश कुमार को यह अवार्ड पत्रकारिता में वंचितों की आवाज़ उठाने के लिए दिया जा रहा है।

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रवीश कुमार को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिए जाने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बधाई दी है। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, ”सच कहने का साहस और आलोचना के विवेक की मशाल को जिंदा रखने वाले पत्रकार रवीश कुमार को रमन मैग्सेसे पुरस्कार मिलने पर बधाई। मैं उनके धैर्य का आदर करती हूँ।”

बता दें कि रवीश कुमार का नाम उन पांच व्यक्तियों में शुमार है जिन्हें इस पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया है। प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि रवीश कुमार का कार्यक्रम “प्राइम टाइम” “आम लोगों की वास्तविक, अनकही समस्याओं को उठाता है।” साथ ही इसमें कहा गया, “अगर आप लोगों की आवाज बन गए हैं, तो आप पत्रकार हैं।”

रवीश कुमार के साथ जिन चार लोगों को पुरस्कार देने की घोषणा की गई, उनमें म्यांमार के को सी विन, थाइलैंड की अंगहाना नीलपाइजित, फिलिपींस के रेमंड और दक्षिण कोरिया के किम जोंग का नाम शामिल है।

क्या है रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार?

रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार एशिया के व्यक्तियों एवं संस्थाओं को उनके क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य के लिए दिया किया जाता है। यह रमन मैग्सेसे पुरस्कार फाउंडेशन द्वारा फिलीपीन्स के भूतपूर्व राष्ट्रपति रमन मैग्सेसे की याद में दिया जाता है। यह पुरस्कार 6 श्रेणियों में दिया जाता है। ये श्रेणिया हैं- शासकीय सेवा, सार्वजनिक सेवा, सामुदायिक नेतृत्व, पत्रकारिता एवं साहित्य, शांति और उभरता नेतृत्व।

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