देश के मेनस्ट्रीम मीडिया ने भले ही सरकार की नाकामी छुपाने के लिए मंदी की ख़बरों से अपना मुंह मोड़ लिया हो, लेकिन ये ख़बरे किसी न किसी माध्यम से सामने आ ही जाती हैं। अब टेक्यटाइल मिल एसोशियशन ने एक विज्ञापन के ज़रिए टेक्यटाइल सेक्टर की बदहाली के बारे में बताया है।

दरअसल, टेक्यटाइल मिल एसोशियशन ने इंडियन एक्सप्रेस के पेज नंबर तीन पर आधे पेज का एक विज्ञापन दिया है। जिसमें यह बताया गया है कि देश का टेक्यटाइल सेक्टर बड़े संकट से गुज़र रहा है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में नौकरियां जा रही हैं।

विज्ञापन में दावा किया गया है कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री का एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले करीब 35% घटा है। इससे इंडस्ट्री की एक तिहाई क्षमता भी कम हुई है। मिलों इस स्थिति में नहीं रह गई हैं कि वो भारतीय कपास को खरीद सकें। साथ ही अब इंडस्ट्री में नौकरियां भी जाना शुरू हो गई हैं।

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इस विज्ञापन के सामने ने के बाद वरिष्ठ पत्रकार पूण्य प्रसून बाजपेयी ने देश के मेनस्ट्रीम मीडिया पर ज़ोरदार हमला बोला है। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए विज्ञापन को शेयर करते हुए कहा, ‘भक्ति में लीन मीडिया सत्ता की नाकामी छुपा रहा है… तो विज्ञापन के जरीये “टेक्सटाइल मिल एसोशियशन” ने बताया अर्थव्यवस्था बेहाल है..रोज़गार है नहीं इंडियन एक्सप्रेस के पेज 3 पर आधे पन्ने का विज्ञापन देखिये’।

गौरतलब है कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री करीब 10 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार देती है। साथ ही ये इंडस्ट्री किसानों के उत्पाद जैसे कपास, जूट वगैरह भी खरीदती है।

लेकिन मौजूदा समय में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का दावा है कि वह संकट से ग़ुज़र रही है। इस संकट की ओर सरकार का ध्यान खींचने के लिए ही इंडस्ट्री ने अख़बार में ये विज्ञापन दिया है। इंडस्ट्री चाहती है कि सरकार दिक्कतों को हल करने की दिशा में ज़रूरी कदम उठाए।

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  1. When reporters will come out like PPBajpae n ravish abhisar. All medis are under modis feet to lick his feet palm. Common people are loosing the freedom gradually under modis raj. In coming day Punjab will ask separate country north east will ask separate country and south India will separat country in modis reign.. we are one even in diversity of languages, culture, castes, religions and costumes and many more

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