रफाल (Rafale) के टायर के नीचे नींबू रखे जाने के विवाद पर मैंने कुछ नहीं कहा। फिर भी आई टी सेल का गैंग मेरे बारे में मीम बनाकर फैला रहा है। इतना बड़ी मशीनरी लगी है मुझे बदनाम करने के लिए। इसे लाखों व्हाट्स ग्रुप में घुमाया जाएगा और लोगों को लगेगा मैंने कहा है और वे नाराज़ होंगे आई टी सेल का गैंग अपने ही समर्थकों को बेवक़ूफ़ बनाता है। वह नहीं चाहता कि लोग सत्य को जानें। वह चाहता है कि लोगों को झूठ का इंजेक्शन देते रहो। नीचे देखिए किस मुझे बदनाम करने के लिए कॉमिक्स की शक्ल में वो लिखा गया है जो मैंने बोला नहीं।
जबकि खुद प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) कार में नींबू मिर्ची रखने वालों का मज़ाक़ उड़ा चुके हैं। कह चुके हैं कि ऐसे लोग सार्वजनिक जीवन का अहित करते हैं। उनका बयान अक्षरश: दे रहा हूँ । 25/12/2017 को नोएडा कालका जी मन्दिर मेट्रो लाइन के उद्घाटन के वक्त बोल रहे थे। बयान narendramodi.in पर मौजूद है।
“आपने देखा होगा एक मुख्यमंत्री ने कार खरीदी। मैं आधुनिक युग की बात कर रहा हूं। *और किसी ने बता दिया कि कार के कलर के संबंध में तो उन्होंने कार के ऊपर पता नहीं नींबू और मिर्ची न जाने क्या–क्या ये, ये लोग देश को क्या प्रेरणा देंगे। ऐसी अंध श्रद्धा में जीने वाले लोग सार्वजनिक जीवन का बहुत अहित करते हैं। सारे हिन्दुस्तान में में कहीं न कहीं इस प्रकार की मान्यताओं में कई सरकारें, कई मुख्यमंत्री फसे पड़े हैं।”
मुख्यमंत्री कहीं जाने से कुर्सी चली जाएगी, इस डर से अगर जीते हैं तो ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री बनने का हक ही नहीं है। मान्यताओं में कैद कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता है। हम technology के युग में जी रहे हैं, विज्ञान के युग में जी रहे हैं। श्रद्धा का अपना स्थान होता है लेकिन अंध श्रद्धा के लिए कहीं जगह नहीं हो सकती है।
मैं जब गुजरात में मुख्यमंत्री बना, अब ये मुसीबत केवल उत्तर प्रदेश में है ऐसा नहीं है। हिन्दुस्तान के कई राज्य ऐसे हैं, कई जगह ऐसी है जहां मान्यताओं में पता नहीं क्या-क्या, आपने देखा होगा एक मुख्यमंत्री ने कार खरीदी। मैं आधुनिक युग की बात कर रहा हूं।
और किसी ने बता दिया कि कार के कलर के संबंध में तो उन्होंने कार के ऊपर पता नहीं नींबू और मिर्ची न जाने क्या–क्या ये, ये लोग देश को क्या प्रेरणा देंगे। ऐसी अंध श्रद्धा में जीने वाले लोग सार्वजनिक जीवन का बहुत अहित करते हैं।* सारे हिन्दुस्तान में कहीं न कहीं इस प्रकार की मान्यताओं में कई सरकारें, कई मुख्यमंत्री फसे पड़े हैं।