उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था दिनों-दिन विकराल रूप लेती जा रही है। आलम ये है कि राजधानी लखनऊ में ऐसा कोई दिन नहीं बीत रहा जिसमें हत्या ना हो रही हो। सीएम योगी आदित्यनाथ का तथाकथित ‘रामराज्य’ हत्या राज हो गया है। ताजा मामला लखनऊ का है जहां हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी का गला रेत कर बहुत ही क्रूर तरीके से हत्या कर दी गई है।

खुर्शीद बाग इलाके में स्थित हिन्दू समाज पार्टी कार्यालय में चाय पीने के बहाने आए गुंडे मिठाई के डब्बे में चाकू और तमंचा लेकर आए थे। सीसीटीवी फुटेज में साफ़ दिखाई दे रहा है कि दो बदमाश भगवा कपडे पहन कर आए। घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश फरार हो गए। ये वारदात राजधानी लखनऊ में हुई है जहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है।

मृतक कमलेश को फौरन ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक कमलेश तिवारी की हत्या इतनी बेहरमी से की गईं हैं कि, तस्वीरों को देख पाना मुश्किल है। लखनऊ पुलिस हमलावरों की तलाश में जुट गई है। घटना स्थल से हत्या के लिए इस्तेमाल किया गया तमंचा और कारतूस बरामद किए गए हैं। कमलेश तिवारी के गले को किसी धारदार हथियार से रेता गया है, साथ ही सीने पर तीन गोली के निशान हैं।

इस मामले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और RLSP प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने भारतीय जानत पार्टी (BJP) की साम्प्रदायिक राजनीति को लेकर कहा है कि, “पश्चिम बंगाल में आपसी कारणों से एक परिवार की हत्या को आरएसएस से जोड़कर ममता बनर्जी को दोषी साबित करने वाले केंद्रीय मंत्रियों को आज सांप सूंघ गया है? वे लोग कमलेश तिवारी की हत्या के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेन्द्र मोदी को दोषी क्यों नहीं ठहरा रहे हैं?”

बता दें कि पिछले दिनों बंगाल में एक आरएसएस कार्यकर्ता की आपसी रंजिश में परिवार सहित हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को लेकर बीजेपी के नेताओं सहित तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कठघरे में खड़ा किया था।

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