बिहार विधानसभा चुनाव में आरक्षण समीक्षा की बात करने वाले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर आरक्षण पर बयान दिया है। भागवत ने कहा कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं, उन्हें सौहार्दपूर्ण वातावरण में इस पर विमर्श करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने आरक्षण को लेकर पहले भी चर्चा की थी मगर ये मुद्दे से भटक गया था।

दरअसल भारतीय सविंधान के तहत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। जिसमें अनुसूचित जाति (SC) को 15 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (ST) को 7.5 फीसदी, OBC यानी की पिछड़ी जातियों को 27 फीसदी और गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण मिल रहा है। बाकी बची 40.5 फीसदी नौकरियां सामान्य जातियों के लिए हैं।

आरक्षण पर संघ प्रमुख मोहन की नज़र उनके एजेंडा का हिस्सा है। जिसमें आरक्षण सीधे सीधे ख़त्म करने की बात कही जाती है। बीते रविवार को भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा कि आरक्षण पर पहले भी बात की थी।

लेकिन तब इस पर काफी बवाल मचा था और पूरा विमर्श असली जो आरक्षण के पक्ष में हैं, उन्हें इसका विरोध करने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए। वहीं जो इसके खिलाफ हैं उन्हें भी वैसा ही करना चाहिए।

आरक्षण को सालों पुरानी व्यवस्था बता चुके भागवत ने आरक्षण को लेकर ऐसे वक़्त में बयान दिया है। जब हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र तक में विधानसभा चुनाव होने है ऐसे में महाराष्ट्र में जहां ओबीसी, दलित और आदिवासियों की बड़ी भागेदारी है वहीं हरियाणा में ओबीसी और दलितों की अच्छी खासी संख्या है।

इन दोनों राज्यों में आरक्षण को लेकर आदोलन होते रहे है। ऐसे में देखना ये दिलचस्प होगा कि क्या राजद अध्यक्ष लालू यादव ने जिस तरह से भागवत के बयान पर चर्चा करते हुए बिहार विधानसभा चुनाव को अपने पक्ष में किया था। क्या वैसा ही कुछ कर पाने में महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों के नेताओं को सफलता मिल पाती है?

15 COMMENTS

  1. I think all the past and present government have only seen general caste as non indians. They have to remember that the first revolutionary who fought for India’s freedom was from general caste. Nowadays the condition is that a person having been bureaucrat if he or she belongs to OBC, SC, st then they are under reserved categories. But if a person is poor not owning bureaucy but if he is from general caste then they are treated as unreserved categories. Poverty never comes asking anyone’s caste. It is present in every caste. So l am not against reservation. Reservation should be given to those people’s who really need it not by caste. There are so many people’s in general category are poor.

  2. आरक्षण सभी को अपनी उन्नति के लिए , विकास के लिए समान अवसर प्रदान नहीं करता l यदि हम इसे इस प्रकार स्पष्ट करें कि—– किसी दौड़ प्रतियोगिता में घोड़े के पैर में जंजीर बांध दी जाए जिससे गधे प्रतियोगिता जीतकर आगे निकल जाएं । सभ्य समाज के लिए आरक्षण कलंक है । क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियां अपने वोट बैंक के लिए आरक्षण को बनाए रखना चाहती हैं । यदि आप किसी ( निर्धन )को मुकाबले के लिए तैयार करना चाहते हैं तो उसे दर्जेदार पालन पोषण एवं शिक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक प्रबंध कर सकते हैं lइसमें कोई बुराई नहीं है । प्रतियोगिता जीतने के लिए सभी को एक लाइन में खड़ा करके समान अवसर देना नैतिक धर्म है l सरकार को इस पर अच्छी तरह सोच विचार कर कड़ा कानून बनाना ही चाहिए l ऐसा होने पर क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों उनके नेताओं का मानसिक दिवालियापन हमेशा हमेशा के लिए समाप्त हो जाए गा तथा भविष्य में समाज में नफरत की भावना नहीं रहेगी l सामाजिक खुशहाली के लिए मैं अपना विचार व्यक्त कर रहा हूं l सधन्यवाद — त्रिलोक नाथ शर्मा

  3. pahle to sarkar ise khatam karne ka prayash kare,yadi khatam nahi kar sakte toek naya mandand banaye jisme divyang aur aarthik rup se kamjor sabhi warg ke logo ko samil kar ke nuntam se nuntam 5-10% kar diya jaye baki 90%-95% tak samanya kar diya jaye jisme sabhi kast ke log rahenge.is se aarakshit kast wale ko bhi kast nahi hona chahiye.

  4. पहले कचहरी/तहसील जाकर जातिवादी सर्टिफिकेट बनवाना बंद करो, खुद जाकर जाति का सर्टिफिकेट लेकर मौज लेते है और भेदभाव कि बात करते है,

  5. Reservation to bahut jarury h Reservation k saath saath study k time bhi reserve class ko coaching ki suvidha di kaye Abhi bhi reserve class k 80% log garib k rekha k neeche ji rhe h unhe mukhyadhara me lana jaruri h Hindustan m Reservation castism k bajah se samapt nhi ho sakta Yeha bhedbhav ki jade bahut gahri h aur higher caste davara yeh bhedbhav dur karne ka prayas kabhi nhi kiya gaya aur nhi to jatigat bhedbhav badhakar hindu dharam ko lagatar dhavast kiya ja raha h

  6. Reservation khtm krna bht jaruri h mere kayi frnd bichare rote h itna talent hote hue bhi reservation walo ko mauka diya jata h cheee h aise sanvidhan or jo sabko barabar se haq ni de sskta

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