अजमेर ब्लास्ट केस में दोषी भावेश पटेल का गुजरात के भरूच पहुंचने पर हीरो की तरह स्वागत किया गया। भावेश के स्वागत में पहुंचे लोगों ने उसे मालाएं पहनाईं और कंधों पर बैठाकर घुमाया। इस दौरान आतिशबाज़ी के साथ ही भारत माता की जय के नारे भी लगाए गए।
दरअसल, भावेश पटेल को 2007 में अजमेर ब्लास्ट केस में दोषी करार दिया गया था। पिछले हफ़्ते इस केस की सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने भावेश की उम्र कैद की सज़ा स्थगित कर ज़मानत दी है। जिसके बाद भावेश अपने गृह नगर भरूच पहुंचा तो रेलवे स्टेशन पर ही लोगों ने उसका ज़बरदस्त स्वागत किया। लोगों ने भावेश पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं और उसे कंधे पर उठा लिया।
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भावेश पटेल के इस स्वागत पर पत्रकार समीर अब्बास ने कड़ा ऐतराज़ जताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “आख़िर ये कैसा समाज बना रहे हैं हम? 2007 में अजमेर धमाका अंजाम देकर 3 लोगों को मौत के घाट उतारने और 15 बेक़सूर लोगों को घायल करने वाले आतंकवादी भावेश पटेल का फूलों की माला पहनाकर हीरो की तरह स्वागत? लानत की जगह स्वागत? इससे शर्मनाक भला और क्या होगा”?
ग़ौरतलब है कि इस स्वागत जुलूस में बीजेपी के भरूच नगर पालिका के अध्यक्ष सुरबबीन तामकुवाला, काउंसिलर मारुतिसिंह अतोदारिया, बीएचपी के वीरल देसाई और स्थानीय आरएसएस के स्दस्य भी शामिल थे। भावेश पटेल ख़ुद भी आरएसएस के स्दस्य रह चुके हैं।
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भावेश पटेल को 2010 में अजमेर ब्लास्ट केस में एनआईए ने गिरफ्तार किया था। भावेश को दरगाह में विस्फोटक रखने का दोषी पाया गया था। राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मामले में भावेश को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी।
बता दें कि 11 अक्टूबर 2007 को ख़्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में धमाका हुआ था। धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 15 लोग घायल हुए थे। इस पूरे केस में 184 लोगों के बयान दर्ज हुए। जिसमें बाद में 26 गवाह अपने बयान से पलट गए थे।