दैनिक जागरण की हेडलाइन देखकर लगता है इसने अदालत से पहले ही आरोपियों को दोषी मान लिया है।

पिछले दिनों गिरफ्तार हुए पत्रकार, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता पीएम मोदी की हत्या करने वाले थे- ऐसा कहना है देश में सबसे ज्यादा पढ़े जाने का दावा करने वाले अख़बार दैनिक जागरण का।

जिसने जम्मू में हुए कठुआ बलात्कार को बलात्कार ही नहीं माना था। इस बार जागरण ने पत्रकारों और मानवाधिकार की लड़ाई लड़ने वालों को पीएम मोदी की हत्या का साजिश रचने वाला बताया है।

दैनिक जागरण की इस ख़बर पर नज़र डाले तो खबर का शीर्षक बिना किसी प्रशनचिन्ह के लिखा गया है ”मोदी की हत्या की साजिश में पांच गिरफ्तार”। हालाकिं कानूनन ये महज एक आरोप है यही वजह है की जब सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने सबूत पेश किये तो कोर्ट ने सबूतों का आभाव बताकर सरकार से इस मामले में और सबूत पेश करने को कहा।

मगर दैनिक जागरण की इस भाषा ने एक बाद फिर साबित कर दिया है कि अख़बार कैसे सरकार द्वारा कहे गए शब्दों पर काम कर रहा है। पुणे पुलिस को इस मामले को कोर्ट में पेश करना है जिससे ये तय होगा की वो आरोपी है या फिर अपराधी।

जागरण की इस भाषा पर आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आपत्ति दर्ज की है।

सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, हिंदुस्तान के प्रमुख हिंदी दैनिक की ये भाषा क्या यक़ीन करने योग्य है? क्या बग़ैर किसी प्रमाण के इतना बड़ा आरोप लगाना और भाजपा का मक़सद पूरा करना मीडिया का काम है?

>हिंदुस्तान के प्रमुख हिंदी दैनिक की ये भाषा क्या यक़ीन करने योग्य है? क्या बेग़ैरे किसी प्रमाण के इतना बड़ा आरोप लगाना और भाजपा का मक़सद पूरा करना मीडिया का काम है?

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