Business, Economy Slowdown सुस्त अर्थव्यवस्था से ऑटो सेक्टर संभल नहीं पा रहा है। यही वजह है कि तमाम बड़ी कंपनियों ने अब प्रोडक्शन production कुछ दिन के लिए रोक दिया है। इन कंपनियों में मारुती maruti से लेकर टाटा Tata तक शामिल हैं। बाजारों में भयंकर सुस्ती दिखाई देने लगी है। यही वजह है कि अब चारों ओर से उद्योगपति और नौकरशाह चिंता जाता रहे हैं।

मोदी सरकार में गिरती अर्थव्यवस्था की मार बड़े उद्योगपति झेल रहे हैं। बजाज ग्रुप के राहुल बजाज, एल एंड टी, मारुती सुजुकी के मलिक समेत तमाम लोग चिंता जाहिर कर चुके हैं। लेकिन फिर भी हैरतअंगेज तरीके से मोदी सरकार मंदी की बात से इनकार कर रही है।

महिंद्रा-मारुति के बाद हीरो साइकिल पर मंदी की मार, एमडी बोले- 55 साल में इतने बुरे हालात नहीं देखे

देश में हालत यहां तक आ गए हैं कि लोगों की साइकिल तक खरीदने के लाले पड़ गए हैं। हीरो साइकिल hero cycle के मालिक और मनेजिंग डायरेक्टर पंकज मुंजाल pankaj munjal ने अपनी नई इलेक्ट्रिक साइकिल e-cycles के लॉन्च के मौके पर कहा कि, “मैंने अपने जीवन में ग्रोथ रेट का गिरना देखा है, लेकिन गोर्थ रेट का सुकुड़ना 55 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ।”

पंकज मुंजाल ने अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती पर कहा कि, यह पूछने की बात नहीं है बल्कि आकड़ें कह रहे हैं और उन आकड़ों में गिरावट हो रही है। है अर्थशास्त्री भी मानते हैं कि लोगों के खरीदने की क्षमता इस मंदी के दौरान घट गई है। इसका असर बाजार में दिखाई दे रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि, ग्रामीण और शहरी बाजार में खरीद करने की क्षमता घट गई है। लोग बचत करना चाहते हैं, शोरूम नहीं जाना चाहते। हो सकता है कि वह एक डर है और वह एक डेढ़ साल से हमें दिख रहा है, जिसे दूर करने की जरुरत है।

मंदी पर बोले मोदी- पारले बिस्किट की बिक्री इसलिए घट गई है क्योंकि अब लोग ‘पेस्ट्री’ खाने लगे हैं

हीरो साइकिल के मनेजिंग डायरेक्टर के बयान पर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव  ने तंज़ कसा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, यहाँ कार-बाइक ही नहीं बल्कि साइकिलें भी नहीं बिक रही है। नौकरियाँ नहीं है। महँगाई बढ़ गयी है। अरे भाई, तो क्या हुआ? कश्मीर, इमरान-पाकिस्तान और हिंदू-मुसलमान हो रहा है ना??

बता दें कि देश में ऑटो सेक्टर की प्रमुख कंपनियां इस वक्त मंदी की मार से परेशान हैं। मंदी के चलते मारूती, टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियों की कई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स बंद हो चुकी हैं। जिससे तकरीबन 10 लाख कर्मचारियों की नौकरी ख़तरे में आ गई है।

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