देश की GDP 5% हो जाने पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मगर एक प्रतिक्रिया जिसपर सबसे ज्यादा लोगों ने पलटवार किया वो है आज तक के एंकर रोहित सरदाना।
सरदाना ने सोशल मीडिया पर लिखा- पिछले पाँच साल में देश की GDP सबसे निचले पायदान पर। कृषि विकास दर भी घट कर 2% हुई। 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के लिए बड़ा झटका। आने वाले दिनों में कठिनाइयों के संकेत साफ़ नज़र आने लगे हैं।
पिछले पाँच साल में देश की GDP सबसे निचले पायदान पर. कृषि विकास दर भी घट कर 2% हुई. 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के लिए बड़ा झटका. आने वाले दिनों में कठिनाइयों के संकेत साफ़ नज़र आने लगे हैं.
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) August 30, 2019
सरदाना की इस प्रतिक्रिया पर पलटवार करते हुए राजद नेता संजय यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा- आतंकवादी देश पाकिस्तान को कड़ा सबक़ सिखाना है। हिंदू-मुसलमान पर ज्ञान बाँट भावनाएँ भड़काने वाली बहसों से ही जीडीपी बढ़ेगी। बाक़ी मंदी, बेरोज़गारी, लहुलूहान किसानी का विमर्श त्याग भारत माता की जय बोलना ही असल देशभक्ति है। जय हिंद, जय भारत
आतंकवादी देश पाकिस्तान को कड़ा सबक़ सिखाना है। हिंदू-मुसलमान पर ज्ञान बाँट भावनाएँ भड़काने वाली बहसों से ही जीडीपी बढ़ेगी। बाक़ी मंदी, बेरोज़गारी, लहुलूहान किसानी का विमर्श त्याग भारत माता की जय बोलना ही असल देशभक्ति है। जय हिंद, जय भारत https://t.co/cXh88vjlsJ
— Sanjay Yadav (@sanjuydv) August 30, 2019
गौरतलब हो कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट गिरकर महज 5 फीसदी रह गई है।
इससे पहले मार्च तिमाही में जीडीपी 5.80 फीसदी रही थी। जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही विकास दर 8 फीसदी दर्ज की गई थी। मौजूदा जीडीपी बीते 25 तिमाहियों मतलब कि पिछले 6 साल से अधिक वक़्त में ये सबसे कम जीडीपी ग्राथ रेट है।
वहीं अगर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट और एग्रीकल्चर सेक्टर में सुस्ती ने देश की जीडीपी ग्रोथ को जोरदार झटका दिया है। इससे पहले, 2012-13 की अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.9 फीसदी के निचले स्तर दर्ज की गई थी।
बता दें कि एंकर रोहित सरदाना अपने टीवी डिबेट शो अक्सर हिंदू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दों पर डिबेट करते हुए नज़र आते है। ऐसे में उनकी अर्थव्यवस्था पर चिंता की सोशल मीडिया पर जमकर खिचाई हो रही है। मगर अहम सवाल अब भी वही है कि क्या अब टीवी डिबेट में अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी पर सवाल किये जायेंगे? ये बड़ा सवाल है।
Economy down ho rhi h to rohit sardana bhai ki bhi job problem me aa sakti h to Chinta krna to lajmi h 😀😀
Achhi baat h sardana bhai der se samjh me Aya but aya to
ARE BHAI DESH KI IS HALAT KE JIMMEDAR YE PATRAKAR OR ENKAR HI HAIN.