गुजरात के पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट पिछले 15 दिनों से पुलिस हिरासत में है। गुजरात सीआईडी ने उन्हें इसी 5 सितंबर को 22 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार किया था।
संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट ने बीते शनिवार को सोशल मीडिया पर भावुक होकर लिखा- ‘आज मेरे पास कुछ भी लिखने को नहीं है,न ही कोई अपडेट है। मुझे पता नहीं कि संजीव कैसे हैं , पिछले 12 दिनों से न तो मैंने उनको देखा और न ही उनके बारे में कोई जानकारी मिल पाई है।’
मैं समझ नहीं पा रही हूं कि उन्होंने क्या किया है? वो तमाम भारतीयों की आवाज हैं और इस आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है,संजीव ऐसी ताकतों के खिलाफ लगातार लड़ते रहे है।
उन्होंने आगे लिखा- ‘आइए हम उन्हें दिखा देते हैं कि यदि संजीव की आवाज दबाई गई तो उनकी जगह हजारों लोग खड़े हो जाएँगे, हम अकेले नहीं हैं। ये वक़्त है जब हम उनके लिए लड़ें जिन्होंने न्याय के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।’
पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट ने गुजरात दंगों में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका बताई थी। जिसे बाद ख़ारिज कर दिया गया था।
इसका नतीजा ये हुआ कि संजीव भट्ट को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा मगर फिर भी केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद वो लगातार आलोचना करते रहे। आखिरी बार संजीव भट्ट को तब देखा गया था जब वो पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के अनशन में उनका समर्थन देने पहुंचे थे।