मोदी सरकार ने जिस तरह से रातों-रात सीबीआई में तबादले किये इस मामले में उन्हें अब सीबीआई अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
वहीं इस मामले पर आप विधायक और प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आईएएस और आईपीएस एसोसिएशन की चुप्पी पर सवाल खड़े किये है।
आप विधायक ने सोशल मीडिया पर लिखा, खुले आम सारे कायदे-क़ानून ताक पर रखकर अफ़सरों को इधर उधर फेंका जा रहा है, भ्रष्टाचारी अफ़सरों को संवेदनशील पदों पर सेट किया जा रहा है। सारी आईएएस एसोसिएशन और आईपीएस एसोसिएशन अंधी,बहरी और गूँगी हो गई हैं। कोई रेज़लूशन आएगा क्या?
खुले आम सारे कायदे-क़ानून ताक पर रखकर अफ़सरों को इधर उधर फेंका जा रहा है, भ्रष्टाचारी अफ़सरों को संवेदनशील पदों पर सेट किया जा रहा है ।
सारी @IASassociation और @IPS_Association अंधी,बहरी और गूँगी हो गई हैं।कोई रेज़लूशन आएगा क्या ? https://t.co/a90D4uOSrk
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) October 30, 2018
बता दें कि एके बस्सी ने कोर्ट में दी गई अपनी याचिका में कहा है कि उनके पास राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत लेने के मामले काफी सुबूत है। अगर कोर्ट चाहे तो वो सुबूत अदालत में पेश हो सकते है।
वहीं कोर्ट ने इस मामले पर सीबीआई को निर्देश दिया कि वह 31 अक्टूबर को या इससे पहले प्रसाद की याचिका पर जवाब दाखिल करे। अदालत ने मामले की सुनवाई 1 नवंबर तय की है।