देश में एक तरफ जहां कठुआ-उन्नाव और शाहजहांपुर मामले में लोग सेंगर-चिन्मयानंद जैसों के समर्थन में उतर रहें है। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) महिला सुरक्षा की बात करते हुए ये कह रहें है कि मां की उपासना, शक्ति की साधना करने वाला देश की हर मां और बेटी का सम्मान, गौरव और गरिमा की रक्षा करे, यह संकल्प लेना हमारी ज़िम्मेदारी बनती है।

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ये बात दशहरा (Dussehra) पर्व के मौके पर दिल्ली के द्वारका स्थित डीडीए ग्राउंड में कही।प्रधानमंत्री डीडीए ग्राउंड में आयोजित दशहरा और रावण दहन कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे हुए थे। जहां उन्होंने कहा कि दिवाली (Diwali) पर लक्ष्मी का पूजन करते हैं, हमारे मन में सपना होता है।

जबकि हर घर, मोहल्ले, गांव और शहर में भी बेटी के रूप में लक्ष्मी होती है तो हम ऐसा क्यों न करें कि जिन बेटियों ने जो हासिल किया है जो हमें प्रेरणा दे सकती हैं। उन्हें सामूहिक कार्यक्रम कर सम्मानित करें, वही हमारा लक्ष्मी पूजन होना चाहिए। मगर पीएम मोदी का ये बयान सुनने और देखने में दार्शनिक है।

क्योंकि सच्चाई इससे कहीं अलग है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस की सालाना रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी। अपराध की घटनाएं लगातार तीसरे साल बढ़ी थी। साल 2016 में दर्ज हर चार में से तीन केस दिल्ली पुलिस नहीं सुलझा पाई थी।

वहीं अमर उजाला ने एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफ़ॉर्म की एक रिपोर्ट के हवाले से ख़बर दी थी कि देश के 48 सांसद और विधायकों पर महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले दर्ज हैं। वहीं दूसरी तरफ महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों पर पीएम मोदी की चुप्पी तो जगजाहिर है।

अब पीएम मोदी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है। एक यूज़र ने लिखा कि सर ये ज्ञान चिन्मयानंद कुलदीप सिंह सेंगर और इनके जैसे बाकि बीजेपी नेताओं को भी दे दीजिए।

एक और यूज़र ने लिखा- पूजा तो उसकी भी की जाती है जिसकी बलि चढ़ाई जाती है। पूजा नहीं, उनका हक दें। इस दिवाली लक्ष्मी को उसके हिस्से की लक्ष्मी दें। सम्पत्ति मे उसकी हिस्सेदारी दर्ज करवाएं, बैंक खाते मे जॉइन्ट नाम दर्ज कराएं। परिवार के फैसलों मे उसे शामिल करें। नरेंद्र मोदी जी कुछ ऐसा आव्हान करें।

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