मोदी सरकार मुश्किलों में घिरी हुई है। जिस तरह से राफेल डील को विपक्षी दल घोटाला साबित करने में लगे है वो साबित हो न हो मगर इससे प्रधानमंत्री मोदी की साफ़ छवि को नुकसान हुआ है।

यही वजह है कि जब मुसीबत सामने आई है तब एक गैर-राजनीतिक शख्स सरकार के समर्थन में बयान देता नज़र आ रहा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर में दिए अपने भाषण में कहा कि ‘कमज़ोर लोकतंत्र ऐसा देश बनाते हैं, जो ‘नर्म शक्तियां’ बनकर रह जाते हैं। भारत ‘नर्म शक्ति’ नहीं बन सकता है।

उसे ऐसे कदम उठाने होंगे, जिनसे वह ‘मज़बूत शक्ति’ की काबिलियत हासिल कर सके। भारत को अगले 10 साल के लिए ऐसी निर्णायक सरकार की ज़रूरत है, जो कड़े फैसले ले सके जो लोगों के भले के लिए हों, भले ही लोकप्रिय फैसले न हों।

डोभाल के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों ने भी प्रतिक्रिया दी है। रोशन राय ने लिखा- किस किस से राजनीति करवाओगे मोदीजी?

श्याम ने लिखा- ये तो बीजेपी एजेंट की तरह बात कर रहा है।

एक ने लिखा- सरकारी एजेंसियों को भी मोदी ने राजनीति पर लगा दिया है।

हर्षदीप ने पूछा कि क्या ये राजनेता या फिर आईबी चीफ

जानकारी के लिए बता देना ज़रूरी है कि अजित डोभाल मोदी सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर है। ऐसे में उनका पद पर रहते राजनेताओं जैसा बयान देना और बीजेपी नेताओं और उसके सहयोगी जैसे महागठबंधन को ख़ारिज कर देना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।

ऐसा नहीं है कि ये सबकुछ अजीब हालात पहली बार पैदा हुए है। मोदी सरकार में राफेल रक्षा सौदे पर कृषि मंत्री बोलते है और रक्षा मंत्री प्रधानमंत्री मोदी के विदेशी दौरों का जवाब देती नज़र आती है।

मगर अजित डोभाल जो न मंत्री है न ही नेता मगर राजनीतिक बयान दे रहें है और इशारों इशारों में फिर से मोदी सरकार चुनने को कह रहें है।

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