मोदी सरकार मुश्किलों में घिरी हुई है। जिस तरह से राफेल डील को विपक्षी दल घोटाला साबित करने में लगे है वो साबित हो न हो मगर इससे प्रधानमंत्री मोदी की साफ़ छवि को नुकसान हुआ है।
यही वजह है कि जब मुसीबत सामने आई है तब एक गैर-राजनीतिक शख्स सरकार के समर्थन में बयान देता नज़र आ रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर में दिए अपने भाषण में कहा कि ‘कमज़ोर लोकतंत्र ऐसा देश बनाते हैं, जो ‘नर्म शक्तियां’ बनकर रह जाते हैं। भारत ‘नर्म शक्ति’ नहीं बन सकता है।
उसे ऐसे कदम उठाने होंगे, जिनसे वह ‘मज़बूत शक्ति’ की काबिलियत हासिल कर सके। भारत को अगले 10 साल के लिए ऐसी निर्णायक सरकार की ज़रूरत है, जो कड़े फैसले ले सके जो लोगों के भले के लिए हों, भले ही लोकप्रिय फैसले न हों।
#WATCH: NSA Ajit Doval says,"India will need a strong, stable and a decisive government for the next 10 years to achieve our national, political, economic and strategic objectives. Weak coalition will be bad for India." #Delhi pic.twitter.com/PsYjvAWVBg
— ANI (@ANI) October 25, 2018
डोभाल के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों ने भी प्रतिक्रिया दी है। रोशन राय ने लिखा- किस किस से राजनीति करवाओगे मोदीजी?
Kis kis se politics karwaoge Modiji?
— Roshan Rai (@RoshanKrRai) October 25, 2018
श्याम ने लिखा- ये तो बीजेपी एजेंट की तरह बात कर रहा है।
TALKS LIKE POLLING AGENT FOR BJP
— shyam vanwari (@shyamvanwari) October 25, 2018
एक ने लिखा- सरकारी एजेंसियों को भी मोदी ने राजनीति पर लगा दिया है।
सरकारी एजेंसियों को भी मोदी ने राजनीति पर लगा दिया है.https://t.co/vfLDEpHojf
— Abdul Mustafa (@abdulmustafa01) October 25, 2018
हर्षदीप ने पूछा कि क्या ये राजनेता या फिर आईबी चीफ
Is he a politician or IB chief ??
— Harshdeep (@AAPHarsh1) October 25, 2018
kya din aa gya bhai SECURITY ADVISOR bhi vote ki bheek maang raha hai BJP ke liye
— Nehr_who? (@Nehr_who) October 25, 2018
जानकारी के लिए बता देना ज़रूरी है कि अजित डोभाल मोदी सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर है। ऐसे में उनका पद पर रहते राजनेताओं जैसा बयान देना और बीजेपी नेताओं और उसके सहयोगी जैसे महागठबंधन को ख़ारिज कर देना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।
ऐसा नहीं है कि ये सबकुछ अजीब हालात पहली बार पैदा हुए है। मोदी सरकार में राफेल रक्षा सौदे पर कृषि मंत्री बोलते है और रक्षा मंत्री प्रधानमंत्री मोदी के विदेशी दौरों का जवाब देती नज़र आती है।
मगर अजित डोभाल जो न मंत्री है न ही नेता मगर राजनीतिक बयान दे रहें है और इशारों इशारों में फिर से मोदी सरकार चुनने को कह रहें है।
सिपाही तभी लड सकता है जब उसे स्पष्ट आदेश मिले। साथ ही उसे पीछे भी मजबूती दिखाई दे।
Every responsible concerns are working in their
own interest do not think about nation. But truth is truth.
Absolutly correct ,India needs a strong government but not like present government which is not treating all citizens equally.
Ajit Doval attempted to justify all wrongs of Modi govt. Gujrat model of governance is collapsing.
Bjp ka chamcha
Looks like he is Modi Suraksha Advisor.