मोदी सरकार द्वारा अपनी नाकामियों का ठीकरा दूसरी चीज़ों पर फोड़ने का सिलसिला बादस्तूर जारी है। अब सरकार ने ऑटो सेक्टर में आई भारी गिरावट के लिए कैब सर्विस ओला (OLA) और उबर (UBER) को ज़िम्मेदार ठहराया है।

दरअसल, वित्त मंत्री मंगलवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के मौके पर चेन्नई में पत्रकारों से बात कर रही थीं। इस दौरान एक पत्रकार ने उनसे ऑटो सेक्टर में आई गिरावट के बारे में सवाल किया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि लोग अब खुद का वाहन खरीदकर मासिक किश्त देने के बजाए ओला और उबर जैसी आनलाइन टैक्सी सेवा को तरजीह दे रहे हैं।

वित्त मंत्री ने अपनी सरकार को बचाने के लिए सफाई देने की तो भरपूर कोशिश की, लेकिन शायद वह सफाई देने से पहले होमवर्क करना भूल गई थीं। वह ये भूल गई थीं कि ऑटो सेक्टर में सिर्फ कारें नहीं बल्कि और भी बहोत सारे वाहन आते हैं, जिनकी मैन्युफैक्चरिंग में कमी आई है। बयान देने से पहले उन्हें ये याद नहीं था कि ओला और उबर कारों का विकल्प तो हो सकता है, लेकिन माल ढ़ोने वाले ट्रकों और ट्रैक्टरों का नहीं।

वित्त मंत्री की इसी बेतुकी सफाई का लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर मज़ाक बनाया। पत्रकार साक्षी जोशी ने ट्वीट कर लिखा, “आजकल ट्रैक्टर वाले भी Ola-Uber इस्तेमाल कर रहे हैं क्या?” वहीं पत्रकार मीनाक्षी जोशी ने लिखा, “शुक्र करिए! कार की सेल गिरने में नेहरू का हाथ नहीं है”। 

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रवक्ता पियूष मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा, “लोग चाय के साथ अब सिगरेट ज़्यादा पीने लगे है इसलिए ParleG शायद बंद हो गया होगा!”

ग़ौरतलब है कि पिछले महीने 21 साल में सबसे कम कार की बिक्री हुई। ऑटो मेकर्स की संस्था SIAM ने जब से बिक्री का डेटा रखना शुरू किया है, तब से कार-बाइक की बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट नहीं दर्ज की गई है।

घरेलू बाजार में इस महीने कारों की बिक्री में 41 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के संगठन SIAM की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में पैसेंजर व्हीकल्स, टू व्हीलर्स सहित अन्य वाहनों की बिक्री में ओवरऑल 23.55 प्रतिशत (YoY) की कमी आई है।

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