यूपी की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथ में आने के बाद से रेलवे स्टेशनों और शहरों का नाम बदले जाने का सिलसिला जारी है। इसी फ़ेहरिस्त में अब इलाहाबाद का नाम जुड़ गया है। प्रयागराज

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रखे जाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है।

उत्‍तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कुंभ से पहले ही इलाहाबाद का नाम पूरी तरह से प्रयागराज कर दिया जाएगा।

इस बीच अब यह सवाल उठ रहें है कि शहर का नाम बदलने से क्या मुग़ल बादशाह अकबर द्वारा दिए गए नाम इलाहाबाद को सच में मिटाया जा सकता है। क्या इलाहाबाद के नाम पर रखे गए बैंक, यूनिवर्सिटी और कोर्ट का नाम भी बदला जा सकता है?

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इन्हीं सवालों को लेकर लोग सोशल मीडिया पर योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वैरागी बावरा नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा,

“इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज हो गया। कोई बुद्धी जीवी बताएगा इलाहाबाद बैंक, इलाहाबाद युनिवर्सिटी, इलाहाबाद हाईकोर्ट का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया या नहीं”।

ग़ौरतलब है कि लंबे समय से संत समाज इलाहाबाद का नाम बदलने की मांग कर रहा था। अगले साल यहां कुंभ मेले का आयोजन होना है और अगले साल ही लोकसभा के लिए चुनाव होने हैं।

‘क्या शहर की तरह यूनिवर्सिटी, बैंक और हाईकोर्ट का नाम भी इलाहाबाद से बदलकर प्रयागराज रखा जाएगा?’

ऐसे में यह माना जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण मुद्दे पर सरकार से नाराज़ संत समाज को मनाने के लिए यह फ़ैसला लिया गया है।

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