स्पेन की स्वास्थ्य मंत्री कारमेन मोंटोन ने अपनी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन पर उठ रहे सवालों के कारण अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। इस्तीफ़ा देने के बाद कारमेन ने कहा कि वो हमेशा से पारदर्शी और ईमानदार रही हैं। इसीलिए उन्होंने ये कदम उठाया है।
दरअसल, आज से सात साल पहले कारमेन ने मेड्रिड की ‘किंग जुआन कार्लोस यूनिवर्सिटी’ से इंटरडिस्प्लेसमेंट्री जेंडर स्टडीज़ में मास्टर्स की डिग्री ली थी। जिसपर एक ऑनलाइन अखबार के दावे के बाद सवाल उठाए जा रहे हैं।
स्पेन के ऑनलाइन अखबार ‘एल-दिआरिओ’ ने आरोप लगाया था कि कारमेन की डिग्री में गड़बड़ी हो सकती है क्योंकि उनकी उपस्थिती अपने कोर्स के दौरान कम रही इसके बावजूद उन्हें अच्छे अंकों के साथ पास किया गया। इन्हीं आरोपों की वजह से कारमेन ने मंगलवार को अपने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
स्पेन में स्वास्थ्य मंत्री ने डिग्री पर सवाल उठने के बाद दिया इस्तीफा, अभिसार बोले- हमारे इंडिया में ऐसा नहीं होता
कारमेन के इस साहसी कदम की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ़ हो रही है। भारत में भी लोग इस मामले को भारतीय राजनीति के परिप्रेक्ष्य से जोड़कर देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि अगर भारत में भी ऐसा होने लगा तो सरकार ही गिर जाएगी।
पार्थ कवर नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा, “हमारे यहां तो पूरी सरकार गिर जाएगी”।
प्रदीप गुप्ता ने लिखा, “भारत में तो सरकार को ही इस्तीफा देना पड़ेगा इस पैरामीटर पर”।
पीएम नेहरू नाम के यूज़र ने लिखा, “अगर ऐसा यहाँ हो, तो आधा कैबिनेट खाली हो जाएगा”।
इसके साथ ही इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन पर उठ रहे सवालों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि अगर भारत में ऐसा हुआ तो पीएम मोदी और स्मृति ईरानी को इस्तीफ़ा देना पड़ेगा।
दीपान्शु बंसल नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा, “अगर भारत में ऐसा होगा तो ‘चौकीदार’ और ‘आधिकारिक ट्रोल मंत्री’ इस्तीफ़ा देंगे।
वहीं विक्रम चौबे नाम के यूज़र ने लिखा, “हमारे यहां तो एक पीएम है और एक मंत्री”।
गौरतलब है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने का बाद लगातार प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्रियों पर सवाल उठते रहे हैं। इस्तीफा तो दूर सरकार सार्वजानिक तौर पर दोनों की डिग्रियां दिखाने के लिए तैयार नहीं है।
विपक्ष ने इसे लेकर स्मृति ईरानी के इस्तीफे की भी मांग की थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस ही अनैतिक राजनीति पर उठ रहे हैं।