प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पहली रैली की शुरुआत मेरठ से की। मोदी ने यूपी में बने बड़े सपा-बसपा और आरएलडी के मजबूत गठबंधन को टक्कर देने के लिए पीएम ने इसकी तुलना ‘शराब’ से कर डाली! उन्होंने कहा कि, “सपा का स, रालोद का रा और बसपा का ब मतलब सराब! ये सराब आपको बर्बाद कर देगी।
शराब को सराब कहते हुए पीएम मोदी ने चुनावी सभा में सार्वजनिक तौर पर शराब का नाम ले लिया। जिस शराब को अबतक नेता अपने क्षेत्र में रातों-रात बंटवाते थे उसी शराब को प्रधानमंत्री पद पर बैठे नरेन्द्र मोदी ने आम जनता के बीच बोल दिया। भले ही उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी दलों के बारे में कहा हो। क्या ये एक प्रधानमंत्री को बोलना शोभा देता है?
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम मोदी को जवाब देते हुए कहा कि, “आज टेली प्रॉम्प्टर ने यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफरत के नशे को बढ़ावा देते हैं।”
उन्होंने आगे लिखा है कि, “सराब को मृगतृष्णा (भ्रम) भी कहते हैं और यह वह धुंधला सा सपना है जो भाजपा 5 साल से दिखा रही है। लेकिन जो कभी हासिल नहीं होता। अब जब नया चुनाव आ गया तो वह नया सराब दिखा रहे हैं।”
वहीं प्रधानमंत्री ने मेरठ की रैली में एक और भारी गलती करते हुए कहा कि, “मैं आपको अपना हिसाब दूंगा, साथ में दूसरों का हिसाब भी दूंगा, तब ही तो होगा हिसाब बराबर।” पीएम के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर पत्रकारों ने पीएम को घेर लिया है। पत्रकार माय मीरचंदानी को री ट्वीट करते हुए रोहिणी सिंह ने लिखा है कि ये ‘टेली प्रोम्प्टर’ का कमाल है।
गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी अपनी धारा प्रवाह भाषणों के लिए जाने जाते हैं। वो बिना देखे भाषण देते हैं। लेकिन जब प्रधानमंत्री अपनी सरकार के साथ-साथ विपक्षी सरकारों का भी हिसाब देने की बात बोल गए तो लोग बोलने लगे कि पीएम ने टेली प्रोम्प्टर से देख कर ये बयान दिया है।