दिल्ली यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने आर्ट्स फैकल्टी गेट पर चुपके से रातोरात विनायक दामोदर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह की मूर्तियां स्थापित की थी।
जिसे कॉलेज प्रशासन ने हटाने के लिए कहा, मगर उसके बाद यूनिवर्सिटी में सावरकर को लेकर सियासी बवाल उठ गया। एनएसयूआई ने इसके विरोध में सावरकर की मूर्ति को जूतों की माला पहनाई और मूर्ति के मुंह पर कालिख पोती।
DU : सावरकर की मूर्ति पर NSUI ने पोती कालिख, कहा- अंग्रेजों से माफ़ी मांगने वाले हमारे आदर्श नहीं
इस विवाद पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। पटेल ने लिखा- शहीद भगत सिंह जी की मूर्ति के बगल में माफीनामा वाले कायर सावरकर की मूर्ति लगाना सभी शहीद क्रांतिकारियों का अपमान है। शहीद भगत सिंह जी की मूर्ति के साथ उनके साथ शहीद हुए राजगुरु और सुखदेव की मूर्ति लगाई जानी चाहिए।
#शहीद_भगत_सिंह जी की मूर्ति के बगल में माफीनामा वाले #कायर_सावरकर की मूर्ति लगाना सभी शहीद #क्रांतिकारियों_का_अपमान है। शहीद भगत सिंह जी की मूर्ति के साथ उनके साथ शहीद हुए #राजगुरु_और_सुखदेव की मूर्ति लगाई जानी चाहिए। https://t.co/xeEKNcxmjY
— Naresh Uttam Patel (@NareshUttamSP) August 22, 2019
गौरतलब हो कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता और डूसू अध्यक्ष शक्ति सिंह ने शक्ति सिंह ने कहा था कि मूर्ति लगाने के लिए डीयू प्रशासन से कई बार मांग की गई, लेकिन सबने उनकी बात को अनसुना कर दिया।
बता दें कि दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ का चुनाव 12 सितंबर को होगा। डूसू चुनाव का नोटिफिकेशन जारी हो गया है। जिसके चलते दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में बीते मंगलवार रात को चुपके से लगी विनायक दामोदर सावरकर की मूर्ति स्थापित कर दी थी।