व्हाट्सएप ने पुख्ता दावा किया कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके भारत के कई पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई। ये जासूसी लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान मई में हुई थी।
भारत के नागरिकों की जासूसी करने की इतनी गंभीर खबर सामने आने के बाद आम लोगों से लेकर खास लोगों ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है।
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अब समाजवादी पार्टी के नेता सुनील सिंह यादव ने ट्वीट करके मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने लिखा कि, “नया खुलासा बता रहा है विपक्ष के 1500 से अधिक व्हाट्सएप एकाउंट्स की जासूसी हो रही थी। जिनको जनता की चिंताएं पढ़ने को चुना गया था वह दूसरों का चैट पढ़ रहे हैं। एक बार फिर साबित हो गया कि अंग्रेजों के लिए जासूसी करने वाले चोला बदलने के बाद भी अपना पेशा नहीं छोड़ पाए।”
नया खुलासा बता रहा है विपक्ष के 1500 से अधिक #Whatsapp एकाउंट्स की जासूसी हो रही थी। जिनको जनता की चिंताएं पढ़ने को चुना गया था वह दूसरों का चैट पढ़ रहे है। एक बार फिर साबित हो गया कि अंग्रेजों के लिये जासूसी करने वाले चोला बदलने के बाद भी अपना पेशा नहीं छोड़ पाए। @ANINewsUP
— Sunil Singh Yadav (@sunilyadv_unnao) November 2, 2019
व्हाट्सएप का आरोप है कि इजरायली कंपनी एनएसओ ने फेसबुक के स्वामित्व वाली मैसेंजिंग प्लेटफॉर्म सर्विस के माध्यम से पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी की है। एनएसओ पर स्पाईवेयर पेगासस के ज़रिए करीब 1,400 यूजर्स के निजी डाटा को चुराने का आरोप है। व्हाट्सएप ने हैकिंग की पुष्टि करते हुए इजरायली जासूसी कंपनी के खिलाफ़ मुकदमा भी दर्ज करा दिया है।
बता दें कि पेगासस को एनएसओ ने सरकारों के लिए बनाया है। इसका इस्तेमाल कोई आम आदमी नहीं कर सकता। ऐसे में ये बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि इसे भारतीय पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी करने के लिए किसने इस्तेमाल किया? सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी मई के महीने में की गई, जिस वक्त भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, भारत में करीब दो दर्जन वकील, प्रोफेसर, दलित कार्यकर्ता और पत्रकारों से व्हाट्सएप ने संपर्क किया था और उन्हें जानकारी दी थी कि मई में दो हफ्ते तक उनके फोन अत्याधुनिक सर्विलांस में थे।