बीएसपी प्रमुख मायावती पर बीजेपी विधायक साधना सिंह के शर्मनाक और वाहियात टिप्पणी की चारों ओर आलोचना हो रही है। आरजेडी के तेज़ तर्रार नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस पर कड़ा ऐतराज़ जताते हुए, साधना सिंह पर SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की माँग की है।

तेजस्वी ने ट्वीटर पर लिखा-

“मोदी-योगी सरकार ने महिलाओं के अपमान में कोई कसर नहीं छोड़ा है। मायावती जी के ख़िलाफ़ टिप्पणी करने वाली भाजपा विधायक साधना सिंह पर SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज होना चाहिए।

मायावती जी न सिर्फ़ देश की महिलाशक्ति का स्वरूप हैं बल्कि, वो भारत के दलितों, बहुजनों और दबे-कुचलों, पिछड़ों की भी प्रतिनिधित्व करती हैं।

उनका अपमान हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।

क्या कहा था साधना सिंह ने-

मुग़लसराय से बीजेपी विधायक साधना सिंह ने बीएसपी चीफ़ मायावती पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि मायावती ने लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड के चीरहरण को भुलाकर भी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया। उन्हें अपने सम्मान की कोई परवाह नहीं हैं। वो न आदमी में हैं न औरत में वो तो किन्नर से भी बदतर हैं।

इस बयान के बाद सियासी तूफ़ान खड़ा हो गया। विधायक साधना सिंह को महिला आयोग का नोटिस मिला। हर तरफ़ उनकी आलोचना हुई। लेकिन हौसले देखिए भाजपा विधायक के कि उन्होंने इन सबके बावजूद अपनी वाहियात टिप्पणी के लिए माफ़ी नहीं माँगी। हाँ लेकिन मुझे अपनी टिप्पणी के लिए खेद है वाला नाटक ज़रूर किया। भाई जब खेद है तो माफ़ी भी माँग लीजिए?… खेद है तो माफ़ी क्यों नहीं?

और तो और बीजेपी नेताओं की बेशर्मी की इंतेहा तो देखिए, साधना सिंह के बयान का एक और विधायक सुरेंद्र सिंह ने समर्थन भी कर दिया, उन्होंने कहा कि, जिसमें स्वाभिमान न हो वो किन्नर ही तो है।

आपको क्या लगता है। एक के बाद एक घटिया बयान बीजेपी विधायक यूँ ही दे रहे हैं? नहीं ऐस बिलकुल नहीं है। दरअसल इन्हें अच्छी तरह से पता है कि इन पर कोई क़ानूनी कार्रवाई नहीं होने वाली है। और न ही पार्टी कार्रवाई करेगी। इसका सबसे बड़ा सबूत यही है कि साधना सिंह पर अब तक मामला दर्ज नहीं हुआ है।

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