मध्य प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने टेरर फंडिंग और जासूसी के मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के तीन एजेंट्स को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए ये तीनों आरोपी पाकिस्तानी हैंडलरों से मिलकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। इन लोगों ने अपने कई साथियों के साथ मिलकर पाकिस्तानी एजेंट्स को बैंक खाते, एटीएम कार्ड की जानकारियों के साथ धनराशि भेजी थी। ये पहले भी योजनाबद्ध तरीके से जासूसी कर रहे थे। साथ ही युद्ध की स्थिति में सामरिक महत्व की जानकारियां एकत्रित कर रहे थे।

देश से गद्दारी के आरोप में गिरफ्तार किए गए इन आरोपियों के नाम  बलराम सिंह, सुनील सिंह और शुभम तिवारी है। बता दें कि बलराम सिंह  इस मामले में पहले भी 8 फरवरी 2017 को एटीएस ने गिरफ्तार किया था। लेकिन बाद में उसे इस मामले में ज़मानत मिल गई थी।

मध्यप्रदेश : आतंकी फंडिंग मामले में बलराम सिंह समेत 5 लोग गिरफ्तार, ISI के लिए कर रहे थे काम

हैरानी की बात तो ये है कि ज़मानत पर बाहर होने के बावजूद वह एक बार फिर से टेरर फंडिंग के नेटवर्क से जुड़ गया और इंटेलिजेंस उसपर नज़र रखने में नाकाम रही। पाकिस्तानी हैंडलर्स ने दोबारा उसके ज़रिए अपने नेटवर्क को मज़बूत किया और देश में फैले अपने जासूसों को फंडिंग करना शुरू कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, बलराम सिंह और उसके साथी महज़ 8 प्रतिशत कमीशन के लिए देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं। ये लोग पाकिस्तान से आने वाली मोटी रकम को जुगाड़े गए बैंक खातों में पहुंचाते हैं।

टेरर फंडिंग के मामले में हुई इन गिरफ्तारियों के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “टेरर फंडिंग के आरोपी बलराम, सुनील और शुभम हैं। क्या ये नाम UAPA लिस्ट में शामिल किए जाएंगे या फिर ये एक ही समुदाय के लिए आरक्षित है? यह मेरा स्टैंड है कि आतंकवाद का धर्म नहीं है। क्या अब पीएम मोदी वर्धा में कही अपनी हास्यास्पद बातों को वापस लेंगे?” 

बता दें कि लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के वर्धा में एक जनसभा को संबोधित करत हुए दावा किया था कि हुंदू कभी आतंकवादी नहीं होता। उन्होंने कहा था कि ये कांग्रेस की गंदी सियासत थी कि उसने हिंदुओं पर आतंकवाद का दाग लगाया।

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