उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। यही वजह है कि अब योगी सरकार पर भरोसा ना करते हुए खुद ही इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट तलब कर ली है।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि पीड़िता की मेडिकल हालत कैसी है? क्या हम उसे मूव करा सकते हैं? अगर मूव कर सकते हैं तो उसे एयरलिफ्ट करके दिल्ली के एम्स में एडमिट कीजिए। साथ ही कोर्ट ने 14 दिनों के अंदर सीबीआई को जांच पूरी करने के आदेश दिए है। साथ ही पीड़िता को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।

जब कोर्ट ने पीड़िता का हाल पूछा की तो सॉलिसिटर जनरल ने इसपर जवाब देते हुए कहा कि पीड़िता वेंटिलेटर पर है। फिलहाल हम किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स से पता करेंगे कि उसकी हालत कैसी है। इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 2 बजे तक मेडिकल रिपोर्ट तलब कर ली।

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दरअसल कोर्ट ने इस मामले में सुबह 10:30 सुनवाई शुरू की थी। इस दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई ने मामले में केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल से दो बजे तक रिपोर्ट मांगी थी।

चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट ये भी निर्देश डेटा है कि पीड़ित परिवार सुरक्षा और उसके वकील को सुरक्षा दी जाये। साथ ही गाँव में रह रहे उसके रिश्तेदार को भी सुरक्षा प्रदान की जाये। कोर्ट ने फैसला किया कि इस मामले में दिल्ली में जज 45 दिन तक हर दिन ट्रायल करेंगे।

हादसे के बाद से ही पीड़िता किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती है, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुुई है। पीड़िता के वकील की भी हालत स्थिर बनी हुई है।

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बता दें कि स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक उन्नाव रेप केस की पीड़िता और उसके वकील की हालत नाजुक बनी हुई है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की ओर से गुरुवार दोपहर 11 बजे जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक, पीड़िता और उनके वकील की हालत नाजुक बनी है। दोनों वेंटिलेटर पर रखे गए हैं। दोनों की सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा है।

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