लोकतंत्र में नेता को जनता और देश की सेवा के लिए चुना जाता है, लेकिन मौजूदा दौर में नेता सेवक नहीं राजा बन गया है। इसका ताज़ा उदाहरण उत्तर प्रदेश के कानपुर में उस वक्त देखने को मिला, जब कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के ग़ुस्से से बचने के लिए पुलिस ड्राइवर को उनके पैरों पर गिरकर माफ़ी मांगनी पड़ी।

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी की फ्लीट में गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर की गाड़ी से कैबिनेट मंत्री सतीश महाना की कार टकरा गई। जिसपर मंत्री जी को ग़ुस्सा आ गया और वह ड्राइवर को धमकाने लगे।

इतना ही नहीं मंत्री के समर्थकों ने मंत्री जी के ग़ुस्से को शांत कराने के लिए ड्राइवर से सतीश महाना के पांव छूकर माफी मांगने को कहा।

जिसके बाद ड्राइवर ने पैर छूकर माफी मांगी लेकिन इसके बावजूद मंत्री जी का ग़ुस्सा शांत नहीं हुआ। वह लगातार ड्राइवर को खरी-खोटी सुनाते रहे।

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यही नहीं गुस्साए मंत्री जी बिना कार के पैदल ही बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति के बैठक के लिए निकल पड़े। पूरे मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

सतीश महाना कानपुर के लाजपत भवन में भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) की कार्य समिति की बैठक में शिरकत करने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।

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ड्राइवर ने बताया कि मुख्यमंत्री का काफिला अंदर चला गया था। अंदर जगह बहुत कम थी। वह जगह बनाने के लिए वहां से गाड़ी हटा रहा था तभी अचानक मंत्री की गाड़ी आ गई और वह थोड़ा से छू गई जिसके बाद विवाद शुरू हो गया।

खासबात यह है कि यह ड्राइवर यूपी पुलिस का सिपाही है और उस समय वह पुलिस की वर्दी में था।

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