पीएम मोदी को खुला पत्र लिखने पर 49 मशहूर हस्तियों पर से ‘राजद्रोह’ का केस ख़ारिज कर दिया गया है। बीबीसी के अनुसार, मुज़फ़्फ़रपुर (Muzaffarpur) सीजेएम कोर्ट से मिले आदेश के बाद इन 49 हस्तियों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही पुलिस ने शिकायत को ‘बेबुनियाद और निराधार’ बताया है।

दरअसल इसी साल जुलाई महीने में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार बनने के बाद इतिहासकार रामचंद्र गुहा, फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप, मणि रत्नम, श्याम बेनेगल, अभिनेत्री अपर्णा सेन और गायिका सुधा मुद्गल जैसी हस्तियों ने पीएम मोदी को लिंचिंग (Lynching) पर खुला पत्र लिखा था। इस खुले पत्र पर अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने राजद्रोह (Sedition) का केस दर्ज कराया था।

ओझा ने इस मामले पर कहा था कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने बीते 20 अगस्त को ही याचिका स्वीकार कर ली थी। मगर अब जाकर सदर पुलिस स्टेशन ने FIR दर्ज की है। रिपोर्ट दर्ज कराने वाले वकील का आरोप है कि इन हस्तियों ने देश और प्रधानमंत्री मोदी की छवि ख़राब की है।

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अब इस मामले पर पुलिस ने जांच करते हुए इसे सस्ती लोकप्रियता बटोरने की बात कही है। मीडिया से बात करते हुए सीनियर एसपी मनोज कुशवाहा ने कहा कि इस मामले की जांच करने के क्रम में हमें पता चला कि सुधीर कुमार ओझा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए आदतन ऐसा करते हैं।

जिस तरह से यह मामला ग़लत पाया गया, वैसे ही पूर्व में भी उनकी कई शिकायतें ख़ारिज हो चुकी हैं। ऐसे में पुलिस का वक्त बर्बाद होता है। इसलिए भी हम कोर्ट से उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की गुजारिश करेंगे।

केस न दर्ज करने की वजह बताते हुए पुलिस ने कहा कि जांच में याचिकाकर्ता सुधीर कुमार ओझा की तरफ से अपनी ही शिकायत के पक्ष में जरूरी साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए गए। पुलिस द्वारा बेहद गंभीरता से मामले का अनुसंधान किया गया और हमने पाया कि ओझा की शिकायत तथ्यहीन, आधारहीन, साक्ष्यविहीन और दुर्भावनापूर्ण है। इसलिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए हम आईपीसी की धारा 211/182 के तहत याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ कार्रवाई की अदालत से मांग करेंगे।

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वहीं इस मामले पर वकील ने अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा बयान देते हुए कहा है कि पुलिस ने मेरे बारे में मीडिया से बात करते हुए मेरे ऊपर ग़लत आरोप लगाया है। पुलिस अधिकारी ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे मेरी छवि खराब हो रही है। मैं मीडिया में छप रही खबरों को आधार बनाकर इन पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराऊंगा।

साथ ही ओझा ने ये भी कहा कि पुलिस को पूरा हक़ है कि वह मेरे ख़िलाफ़ अभियोजन के लिए गुजारिश कोर्ट से करे। मगर हम भी तब अपने अधिकार का पालन करते हुए प्रोटेस्ट याचिका कोर्ट में फ़ाइल करेंगे। पुलिस को मुझ पर कार्रवाई करने का कोई हक़ नहीं है।

गौरतलब हो कि इससे पहले सुनील कुमार ओझा बड़ी हस्तियों के ख़िलाफ़ बार-बार शिकायत दर्ज कराते रहें है। जिस हस्तियों पर उन्होंने केस दर्ज कराया है उनमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, रवीना टंडन, सलमान खान और कई अन्य लोगों के ख़िलाफ़ सुधीर कुमार ओझा अब तक कुल 745 बार अदालत में केस कर चुके हैं।

बता दें कि इससे पहले पुलिस की तरफ से कहा गया था कि FIR भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई है। इसमें राजद्रोह, उपद्रव करने, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित धाराएं लगाई गईं हैं।

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