अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स के बाद अब अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेट पार्टी की उम्मीदवार एलिजाबेथ वारेन ने कश्मीर में पाबंदियों एवं संचार प्रतिबंधों को लेकर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्होंने भारत से कश्मीर के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करने की अपील भी की।
उन्होंने शनिवार को ट्वीट कर कहा, “अमेरिका-भारत साझेदारी की जड़ें हमेशा हमारे साझे लोकतांत्रिक मूल्यों में समाहित रही हैं। मैं कश्मीर में हाल की घटनाओं के बारे में चिंतित हूं, जिसमें संचार प्रतिबंधों के साथ अन्य पाबंदियां शामिल हैं। कश्मीर के लोगों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए”।
The US-India partnership has always been rooted in our shared democratic values. I'm concerned about recent events in Kashmir, including a continued communications blackout and other restrictions. The rights of the people of Kashmir must be respected.https://t.co/K7JDmAjQg7
— Elizabeth Warren (@ewarren) October 5, 2019
वारेन कश्मीर पर चिंता प्रकट करने वाली दूसरी प्रभावशाली अमेरिकी नेता हैं। इससे एक महीने पहले डेमोक्रेट बर्नी सैंडर्स ने ऐसी ही चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि कश्मीर पर भारत का कदम ग़लत है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपील करते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर में संचार सेवाओं पर लगे प्रतिबंधों को तुरंत हटाया जाना चाहिए।
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ग़ौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर मुद्दे में किसी तीसरे की मध्यस्थता की किसी भी गुंजाइश को नकारते रहे हैं। उनका कहना है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है। जिसमें किसी तीसरे को मध्यस्थता का अधिकार नहीं। लेकिन अमेरिका के इन बड़े नेताओं के बयान के बाद इस मुद्दे के अंतर्राष्ट्रीयकरण से इनकार नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने ट्विटर के ज़रिए कहा, “बर्नी सैंडर्स के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए दूसरे मुख्य डेमोक्रेटिक उम्मीदवार एलिजाबेथ वॉरेन भी कश्मीर में प्रतिबंधों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से सामने आई हैं। मुद्दा का अब सही मायने में अंतर्राष्ट्रीयकरण हो चुका है”।
After Bernie Sanders, the other main Democratic candidate for the US Presidency, Elizabeth Warren has also come out publicly against the Lock down in Kashmir. The issue is now truly internationalised https://t.co/LWeN9j1zMg
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) October 7, 2019
भारत सरकार द्वारा 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा के बाद कश्मीर में पाबंदियां लगा दी गयी थीं। अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था।