सोमवार 22 अक्टूबर 2018 को अचानक ही सोशल मीडिया पर #CBIvsCBI ट्रेंड करने लगा। कारण- CBI का CBI मुख्यालय पर छापा। ये 22 अक्टूबर की सबसे बड़ी खबर थी, क्योंकि भारत में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। तमाम नेता, पत्रकार, समाजिक कार्यकर्ता इस मुद्दें पर प्रतिक्रिया दे थे।
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखा था ‘सीबीआई ने आज सीबीआई के एक अफ़सर को पकड़ने के लिए सीबीआई मुख्यालय पर छापा मारा और सीबीआई के डीएसपी को गिरफ़्तार कर लिया जो सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना के सहयोग से मोईन क़ुरैशी से सीबीआई में चल रहे केस को कमज़ोर करने के बदले रिश्वत ले रहे थे और इसकी जानकारी सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को हो गई और उन्होंने केस कर दिया, जबकि अस्थाना ने कहा है कि सीबीआई डायरेक्टर भी चोर है।’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया था कि ‘पीएम के पसंदीदा, गुजरात कैडर अधिकारी, गोधरा एसआईटी के चर्चित, सीबीआई में नंबर-2 पद पर घुसपैठ करने वाले, अब रिश्वतखोरी कांड में फंस गए हैं।
अस्थाना ने मोदी को दंगे में क्लीनचिट दिया था, अब मोदी भी उसे क्लीनचिट दे देंगे, ये मौसेरे भाई हैं
मौजूदा प्रधानमंत्री की कमान में सीबीआई राजनीतिक दुश्मनी निभाने का हथियार बन गई है। यह संस्था लगातार गिरावट की ओर है जो खुद से खुद की लड़ाई लड़ रही है।’
The PM’s blue-eyed boy, Gujarat cadre officer, of Godra SIT fame, infiltrated as No. 2 into the CBI, has now been caught taking bribes. Under this PM, the CBI is a weapon of political vendetta. An institution in terminal decline that’s at war with itself. https://t.co/Z8kx41kVxX
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 22, 2018
फिल्मकार अनुभव सिन्हा ने तंज कसते हुए लिखा कि ‘छी बी आइ’
छी बी आइ।
— Anubhav Sinha (@anubhavsinha) October 22, 2018
अनुभव ने अपने एक दूसरे ट्वीट में लिखा कि ‘अच्छा एकाध News Channels को तो पतै नहीं चला कि CBI में हो गया कुछ। ये पत्रकार सोते तो होबै करेंगे रात को?’
अच्छा एकाध News Channels को तो पतै नहीं चला कि CBI में हो गया कुछ। ये पत्रकार सोते तो होबै करेंगे रात को?
— Anubhav Sinha (@anubhavsinha) October 22, 2018
कहने का मलतब ये है कि 22 अक्टूबर को भारत में CBI सबसे बड़ा मुद्दा था। सरकार का तोता कहे जाने वाली भारत की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के नंबर एक कह रहे हैं कि नंबर दो चोर हैं और नंबर दो कह रहे हैं कि नंबर एक चोर है। दोनों के पास सबूत हैं।
अब अगर मेनस्ट्रीम कहे जाने वाले मीडिया संस्थान इस खबर को ना दिखाए तो उसे क्या समझा जाए? क्या यही गोदी मीडिया होने की पहचान है? आखिर इतने बड़े मुद्दें को ड्रॉप करने के पीछे क्या वजह रही होगी?
22 अक्टूबर की शाम जब पूरा देश CBI पर चर्चा कर रहा था तब कोई मीडिया संस्थान हिंदू मुस्लिम डिबेट दिखा रहा था, कोई पाकिस्तान से बदला ले रहा था, कोई भारत को मुगल मुक्त बना रहा था, कोई केजरीवाल से हिसाब मांग रहा था।
मोदी से बेहतर PM थे मनमोहन, आज वो होते तो देश और CBI के हालात ऐसे ना होते : शरद पवार
22 अक्टूबर को ‘आज तक’ के एंकर रोहित सरदाना अपने शो दंगल में भारत को ‘मुग़ल मुक्त’ बना रहे थे। शाम 5 बजे प्रसारित होने वाले अपने शो का पोस्टर ट्विटर पर शेयर करते हुए रोहित ने लिखा…
‘क्या आपको पता है भारत में आज भी बाबर के नाम पर 61, अकबर के नाम पर 251 और औरंगज़ेब के नाम पर 177 शहरों/क़स्बों के नाम हैं! इलाहबाद के बाद बदलेंगे और भी शहरों के नाम? बदलेंगे सिर्फ़ नाम या बदलेगी क़िस्मत भी? ‘मुग़ल मुक्त भारत’ बनाएँगे मोदी? दंगल, 5PM, आजतक पर’
क्या आपको पता है भारत में आज भी बाबर के नाम पर 61, अकबर के नाम पर 251 और औरंगज़ेब के नाम पर 177 शहरों/क़स्बों के नाम हैं!
इलाहबाद के बाद बदलेंगे और भी शहरों के नाम? बदलेंगे सिर्फ़ नाम या बदलेगी क़िस्मत भी?
‘मुग़ल मुक्त भारत’ बनाएँगे मोदी?
दंगल, 5PM, @aajtak पर. pic.twitter.com/yVGGQlAJ1E— रोहित सरदाना (@sardanarohit) October 22, 2018
रोहित सरदाना सवाल की शक्ल में भारत को मुगल मुक्त बनाने की बात कह रहे हैं। सवाल ये है कि भारत मुगल मुक्त कैसे होगा? क्या नाम बदलने से मुगल मुक्त बनेगा भारत?
भारत सरकार की वेबसाइट (knowindia.gov.in) बताता है कि मुगल राजवंश ने 1526 से 1707 तक भारत शासन किया, तो क्या मुगल मुक्त भारत बानाने के लिए इतने सालों का इतिहास मिटा दिया जाएगा?
या जो मुगल शासक भारत की धरती में दफन है उन्हें निकाल देने से मुगल मुक्त भारत बनेगा? या मुगलों द्वारा बनवाए इमारतों को तोड़ने से मुगल मुक्त बनेगा भारता?
मोदी का तोता ‘राकेश अस्थाना’ खुद जाल में फंस गया है अब विपक्षियों को कैसे फंसाएंगे साहेब?
मुगलों ने पूरे भारत में हजारों हजार इमारत बनवाई है क्या उन सब को तोड़ा जा सकता है? भारत को रिप्रजेंट करने वाली कुतुब मीनार, ताजमहल, लाल किला जैसे सैकड़ों इमारतों, मीनारों को तोड़ने से मुगल मुक्त भारत बनेगा? अगर नहीं तोड़ा गया तो जब जब दिखेगा मुगलों की याद आएगी। क्या हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं? कुल मिलाकर बात ये है कि ‘मुगल मुक्त भारत’ मुद्दा ही फर्जी है।
अब बात देश के सबसे ‘राष्ट्रवादी’ चैनल जी न्यूज की। 22 अक्टूबर की शाम जी न्यूज के शो ‘ताल ठोक के’ में पाकिस्तान से हिसाब मांगा जा रहा था। शो के एंकर अमन चोपड़ा ने ट्विटर पर पोस्टर शेयर करते हुए लिखा
‘बाजवा की ‘बदमाशियों’ का हिसाब कब ?
बाजवा खून बहाएंगे, इमरान ‘शांति’ का कबूतर उड़ाएंगे ?
बाजवा की ‘कठपुतली’ के कश्मीर पर बनावटी आंसू ?
सीमा पर जवानों के बलिदान का बदला कब ?
ताल ठोक के शाम 5 बजे जी न्यूज पर अमन चोपड़ा के साथ
बाजवा की 'बदमाशियों' का हिसाब कब ?
बाजवा खून बहाएंगे, इमरान 'शांति' का कबूतर उड़ाएंगे ?
बाजवा की 'कठपुतली' के कश्मीर पर बनावटी आंसू ?
सीमा पर जवानों के बलिदान का बदला कब ? #ImranKaDhokha
ताल ठोक के शाम 5 बजे @ZeeNews पर @AmanChopra_ के साथ pic.twitter.com/NVvHSNbhzB— Zee News Hindi (@ZeeNewsHindi) October 22, 2018
जब पूरा देश CBI पर चर्चा कर रहा था, तब जी न्यूज जबरदस्ती पाकिस्तान के मुद्दे पर बहस कर रहा था। साफ दिख रहा है CBI विवाद से बचने के लिए पाकिस्तान के मुद्दें के चुना गया है।