संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अब मोदी सरकार को चाहिए कि वो राममंदिर पर कानून लाये। जिसके बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो चुकी है।

जहां एक तरफ लोग इसे चुनावी मांग बता रहें है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस मामले पर कहा कि चुनाव करीब आते ही संघ और बीजेपी दोनों को राममंदिर की याद आ ही जाती है।

कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि राम का नाम संघ प्रमुख के मुहं से अच्छा नहीं लगता क्योंकि ये नाथूराम के भक्त है न की राम के भक्त।

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उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख को चाहिए कि पहले वो नाथूराम की आलोचना करें फिर राम की बात करें।

कांग्रेस नेता ने भागवत के बयान पर कहा कि जब पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही चल रहा है, ऐसे में राममंदिर पर टिप्पणी करना कहीं से भी ठीक नहीं है।

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उन्होंने बीजेपी पर तंज करते हुए कहा कि चुनाव आ गया है इसलिए राम याद आने लगे हैं। साढ़े चार साल तक नाथूराम-नाथूराम करते रहे और आज काम नहीं किया तो राम याद आने लगे।

गौरतलब हो कि संघ प्रमुख मोहन भागवत को चार साल बाद राम मंदिर की याद आई और उन्होंने मोदी सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि मैं चाहता हूँ की अब राममंदिर के लिए कानून लाया जाना चाहिए, ये मामला राजनीतिक होने कारण इतना लंबा खिच गया।

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