पिछले दिनों बिहार का एक शहर अररिया बहुत विवादों में रहा। वजह थी चुनाव में हर राजनैतिक दल इसे जीतना चाहता था मगर चुनाव हो या जंग जीत किसी एक ही होती है। मगर इस बार चुनाव के बहाने दो लोग जीतें है और अररिया को अतंकिस्तान बताने वालों की करारी हार हुई है।
ताजा मामला अररिया के दरभागिया का टोला का जहां मोहम्मद जीशान अली ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान इसरो की परीक्षा में 10वी रैंक हासिल करके वैज्ञानिक बनाने का रास्ता साफ़ कर लिया है। इसरो की इस परीक्षा में पूरे भारत से 40 हज़ार छात्र छात्राओं ने अपनी किस्मत अजमाई थी। लिखित परीक्षा में सफल होने 300 लोगों मौखिक परीक्षा में हुए और इनमें से भी सिर्फ 35 लोगों को ही सफलता मिली।
पूरे भारत में जीशान का 10वां रैंक उन राजनेताओं के मुहं करारा तमाचा है जो कुछ दिनों पहले चुनाव हारने के बाद ये कहते नहीं थक रहे थे की अररिया अब आतंकियों का गढ़ बन जायेगा। मिथिला पब्लिक स्कूल से 2008 में 10वी पास की उसके बाद दिल्ली के हमदर्द पब्लिक स्कूल से 12वी पास किया फिर दिल्ली में अपनी पढ़ाई ओ आगे बढ़ाते हुए बीटेक किया।
उसके बाद जीशान ने इसरो की परीक्षा दी और अररिया के साथ साथ अपने राज्य बिहार का नाम भी ऊचा किया जो पढ़ाई के मामले पिछले दिनों साजिशों के चलते बदनाम रहा है।