भारत में इन दिनों जहां अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा की भावना बढ़ी है, वहीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंदिर के लिए 43 करोड़ की ज़मीन देकर अल्पसंख्यकों का भरोसा जीतने की कोशिश की है।

शेख़ हसीना ने दुर्गा पूजा के मौक़े पर राजधानी ढाका स्थित ढाकेश्वरी हिंदू मंदिर को 1.5 बीघा ज़मीन देने का ऐलान किया है। ज़मीन की कीमत 43 करोड़ रुपए बताई जा रही है।

शेख हसीना के इस फ़ैसले के बाद उन्हें इस्लामिक देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के पैरोकार के तौर पर देखा जा रहा है।

शेख हसीना सोमवार को बांग्लादेश के सबसे बड़े मंदिर ढाकेश्वरी गई थीं। इसी दौरान उन्होंने मंदिर को करीब 1.5 बीघा ज़मीन तोहफ़े में देने की घोषणा की। ये ज़मीन मंदिर के पास ही मौजूद है।

इस ज़मीन पर पिछले 60 सालों से कब्ज़ा था। जिसे पीएम के फ़रमान के बाद अब मंदिर को सौंपा जाएगा। बता दें कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नाम भी ढाकेश्वरी देवी के नाम पर है।

बांग्लादेश सरकार ने कहा, ‘इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि आवामी लीग के कार्यकाल में बांग्लादेश ने लगातार आर्थिक विकास देखा है और स्थायित्व का अनुभव किया है। पिछले एक शताब्दी से बांग्लादेश में इसकी कमी महसूस की जा रही थी।’

उन्होंने कहा, ‘इस तरक्की और स्थायित्व का ही परिणाम हैं कि सुरक्षा व्सवस्था बेहतर हुई है, इसका असर यह हुआ कि न सिर्फ अल्पसंख्यक सुरक्षित महसूस करते हैं, बल्कि सभी बांग्लादेशी सुरक्षित महसूस करते हैं।’

हसीना सरकार का नारा है ‘धोर्मो जारजार, उत्सोब शोबार’ (धर्म किसी का भी व्यक्तिगत अधिकार है, लेकिन त्योहार का संबंध सबसे होता है) का पालन जमीनी स्तर पर हो रहा है।

इसका उदाहरण इस बात से मिलता है कि साल 2017 में बांग्लादेश में 30 हजार से ज्यादा शांतिपूर्वक दुर्गा पूजा उत्सव हुए। इस साल यह संख्या 31,272 तक पहुंची है।

अधिकारी ने कहा, ‘यदि ऐसा लगातार जारी रहा तो यह विश्व में एक उदाहरण होगा, जब कोई इस्लामिक देश पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और लोकतांत्रिक है, जो पाकिस्तान के बिल्कुल विपरीत होगा।’

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