भाजपा देश में साम्प्रदायिकता को बढ़ाने की सारी सीमाएं लांघती जा रही है। एक तरफ केंद्र सरकार के मंत्री लिंचिंग के आरोपियों को मालाए पहना रहे हैं और दूसरी तरफ उनसे एक कदम आगे बढ़ते हुए अन्य नेता और कार्यकर्त्ता बम धमाका दोषियों की ज़मानत का जश्न मना रहे हैं।
ऐसा नज़ारा रविवार को भाजपा के गढ़ गुजरात में देखने को मिला। अजमेर ब्लास्ट केस 2007 में दोषी करार दिए गए भावेश पटेल जिन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, जमानत मिलने के बाद अपने घर भरूच लौटे।
यहां भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं सहित काफी लोगों ने एक हीरो की तरह उनका स्वागत किया। उन्हें माला पहनाई गई। कंधों पर उठाकर ले जाया गया। इस कार्यक्रम में भाजपा के कई नेता भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि इस से पहले केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने झारखण्ड में लिंचिंग के आरोपियों को ज़मानत मिलने पर उनका स्वागत किया था और उन्हें माला पहनाई थी। भाजपा पर आरोप लग रहा है कि वो इस तरह से एक समाज के खिलाफ अपराध करने वाले लोगों को बढ़ावा देकर नफरत को फैला रही है।
दरअसल, अजमेर ब्लास्ट केस मामले में भरूच के रहने वाले भावेश पटेल और अजमेर के देवेंद्र गुप्ता को अगस्त 2017 में सजा सुनाई गई थी। पिछले हफ्ते राजस्थान हाई कोर्ट ने दोनों को जमानत दी थी।
इनके वकील की ओर से कहा गया था कि उनके मुवक्कि को ‘मानीवय संभावनाओं, परिस्थितिजन्य साक्ष्य और अनुमान’ के आधार पर सजा सुनाई गई थी। बता दें कि अजमेर दरगाह ब्लास्ट में तीन लोग मारे गए थे और 15 लोग घायल हो गए थे।
रविवार को भरूच वापस लौटने पर रेलवे स्टेशन पर काफी संख्या में लोगों ने भावेश पटेल का स्वागत किया। भगवा कपड़ा पहने हुए और खुद को स्वामी मुक्तानंद बताते हुए भावेश एक जुलूस के साथ दांडियाबाज स्थित स्वामी नारायण मंदिर से हाथीखाना इलाके स्थित अपने घर गए।
इस स्वागत जुलूस में भाजपा के भरूच नगर पालिका के अध्यक्ष बीजेपी के सुरबबीन तामकुवाला, काउंसिलर मारुतिसिंह अतोदारीया, वीएचपी के विरल देसाई और स्थानीय आरएसएस के सदस्य भी शामिल थे। भावेश पटेल और देवेंद्र गुप्ता भी आरएसएस के सदस्य रह चुके हैं।