16 अक्टूबर को योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदल दिया है। अब इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा।

सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया तक में इस फैसले की जमकर आलोचना हो रही है। इतना ही नहीं इंटरनेशनल मीडिया ‘द गार्डियन’ ने भी योगी सरकार की आलोचना की है।

ख़ैर, योगी आदित्यनाथ सख्त आदमी हैं उनपर आलोचनाओं का कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। लेकिन पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसा हुआ जिससे योगी आदित्यनाथ को फर्क पड़ना चाहिए।

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दरअसल 12 सिंतबर की रात यूपी पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गयी। इस दौरान पिस्तौल फंस गयी और दरोगा को मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकालनी पड़ी।

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क्या इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए? क्या स्टेशन और जिला का नाम बदलने वाले योगी आदित्यनाथ को यूपी पुलिस की पुरानी बंदूक नहीं बदलनी चाहिए?

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