सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर इतिहासिक फैसला सुनाते हुए आधार की कानूनी मान्यता बरकरार रखी है। इसके साथ कोर्ट ने आधार एक्ट की धारा 57 को रद्द कर दिया है। जिससे अब प्राइवेट कंपनियां आधार की मांग नहीं कर सकती हैं। अब इस मामले पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि कोर्ट ने हमारी बात मान ली और धारा 57 जो हक निजी कंपनियों को देता है वो असंवैधानिक बता दिया।
कांग्रेस की तरफ से प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा सुप्रीम कोर्ट ये साफ़ कर दिया है सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर किसी का निजी आधार डेटा ले।
सिब्बल ने कहा कि ये असंवैधानिक ही नहीं था बल्कि लोकतंत्र के खिलाफ था। आज सुप्रीम कोर्ट ने हमारी बात मान ली और कहा कि धारा 57 जो हक निजी कंपनियों को देता है वो असंवैधानिक है।
कांग्रेस नेता ने कोर्ट धन्यवाद् देते हुए कहा कि आधार कानून को सुप्रीम कोर्ट ने निराधार करार दिया। अगर हमारी बात मान लेते तो करोड़ों लोगों का निजी डेटा निजी कंपनियों के पास नहीं जाता।
इस मौके पर सिब्बल ने कहा मोदी सरकार के तमाम फैसलों पर सवाल करते हुए कहा कि आपको याद होगा कि मोदी जी ने बिना सोचे-समझे नोटबंदी, जीएसटी, का एलान किया था, बिना सोचे समझे राफेल खरीद लिया और बिना सोचे समझे आधार कानून पास करा लिया।
इसके साथ ही कपिल सिब्बल ने कहा कि हम इस कानून पर संशोधन के समय इस मुद्दे को जरुर उठायेंगे और फिर सुप्रीम कोर्ट जायेंगे क्योंकि लाखों लोग जो खेतों में काम करते हैं उनके बायोमेट्रिक खत्म हो जाते हैं, कई वृद्ध लोगों को मोतियाबिंद हो जाता है, जिसके कारण उनको सुविधाएं नहीं मिल पाती। इस बारे में हम फैसला पढ़कर याचिका डालेंगे, ताकि उनको भी सुविधाएं मिल सकें।
. S. C का फैसला सही और निष्पक्ष
जनता के लिए एक बड़ी उपलब्धि है