उत्तर प्रद्रेश में रोजगार के क्या हाल है? इसका जवाब आखिरकर मुख्यमंत्री योगी ने दे दिया है। सीएम योगी ने रोजगार और प्रदेश में निवेश को लेकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1.16 लाख करोड़ रुपए का निवेश हुआ है और 28 लाख लोगों को रोजगार मिला है। सरकारी विभागों में 2.25 लाख युवाओं की भर्ती हुई है। वहीं प्रधानमंत्री आवास व व्यक्तिगत शौचालय निर्माण में यूपी देश में नंबर वन रहा है।

दरअसल सीएम योगी ने ये सभी बयान विधानसभा में दिया जहां उन्होंने बताया कि हमें 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की चुनौती स्वीकार करनी होगी। जिसके लिए सभी प्रमुख सेक्टरों को 70 हज़ार से एक लाख करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा रफ़्तार को देखते हुए इसे हासिल करने में अभी 10 से 12 साल लग जायेंगे।

अब योगी के बयान पर एक सवाल ये उठता कि अगर इतना रोजगार मिला ही है तो रोजगार के अलग अलग कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या पांच लाख है। जबकि ये आकड़ा इससे कही ज्यादा है। सिर्फ यमुनानगर जहां इस पद के लिए आवेदन माँगा गया वही पर करीब 45 हज़ार युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे है और ये आकड़ा भी सरकारी ही है।

ये हाल उस प्रदेश का है जहां बड़ी बड़ी कंपनियों ने निवेश के लिए योगी सरकार के एमओयू साइन किये है। मगर साल भर बीत जाने के बाद आखिर उत्तर प्रदेश में रोजगार का कहीं दूर दूर तक कोई नाम नहीं है। अगर सरकारी पदों के लिए आवेदन निकलता भी है उसमें पद से कही ज्यादा आवेदक नौकरी के लिए आवेदन कर रहे है।

अब इसके लिए क्या कांग्रेस की वो सरकारें ज़िम्मेदार है? या फिर रोजगार देने की ज़िम्मेदारी प्रदेश की योगी सरकार की है। जो कम से कम योग्य लोगों को योग्य पद दें ना की उन्हें चपरासी का पद देकर उनकी दावेदारी कम करें जो इस नौकरी के वाकई योग्य है। पिछले दिनों भी एक चपरासी के 10 पद के कई पीएचडी और एमफिल डिग्री धारकों ने आवेदन किया था।

इस मामले पर पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा- बताइए साहब, कहाँ निवेश हुआ, कितनी नौकरी किस को मिली, फैक्ट्रीज व युवाओं की सूची जारी करें। कितनी साफगोई से झूठ बोला जा रहा है।

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