राहुल गांधी ने साल 1984 में हुए सिख दंगों को दुखद बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लंदन दौरे पर कहा कि मुझे इसे लेकर ज़रा भी शक नहीं है, ये एक ट्रेडजी थी जो बेहद दुखद थी।
राहुल ने आगे अपनी पार्टी का बचाव करते हुए कहा, मैं मानता हूँ कि कुछ कांग्रेसी नेता भी इसमें शामिल थे जिन्हें सजा भी हुई, मगर दंगों में कांग्रेस पार्टी शामिल नहीं थी।
इस मामले पर बीजेपी ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कांग्रेस पार्टी 84 के दंगों में शामिल थी। वहीँ इस मामले पर वरिष्ठ महिला पत्रकार सागरिका घोष ने सोशल मीडिया पर बीजेपी पर निशाना साधा है।
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उन्होंने लिखा, मनमोहन 1984 के दंगों के लिए माफ़ी मांग चुके हैं। तो फिर राहुल गाँधी उन दंगों के लिए क्षमायाचना क्यों नहीं मांगते। कांग्रेस का नाम 1984 दंगों और मेरठ, मुरादाबाद, हाशिमपुरा हत्या मामले में शामिल रहा है।
अगर कांग्रेस ऐसा करती है तो लोग 2002 गुजरात दंगों के लिए भाजपा की माफ़ी का इंतजार कर सकते हैं।
बता दें कि इन दंगों को तीन दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन इसका जिन्न आज भी कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ रहा है। इन दंगों को लेकर कुछ कांग्रेसी नेताओं का सियासी भविष्य पूरी तरह से खत्म हो गया है।
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इनमें जगदीश टाइटलर, सज्जन कुमार समेत कुछ दूसरे नेताओं का भी नाम शामिल है। पत्रकार ने जो कहा उसे लेकर सोचा जा सकता है की क्या कांग्रेस की माफ़ी मांगने के बाद बीजेपी भी गुजरात दंगें के लिए माफ़ी मांगेगी ये बड़ा सवाल है।