वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने एक्टिविस्ट मधु किश्वर के खिलाफ़ ट्विटर के ज़रिए भ्रामक और झूठी जानकारियां प्रसारित करने को लेकर दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है।

अधिवक्ता ने मधु किश्वर के खिलाफ़ आईपीसी की धारा 153 ए, 295 ए और 505 के तहत शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने इस बात की जानकारी ट्वीट कर दी और कहा कि मधु किश्वर के झूठ का पर्दाफाश करने का वक्त आ गया है।

प्रशांत भूषण ने शिकायत के साथ मधु किश्वर के उस ट्वीट को भी अटैच किया है जो उन्होंने 14 अप्रैल, 2018 को कठुआ केस के सिलसिले में किया था। कठुआ में 8 साल की मासूम की गैंगरेप के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।

दरअसल, मधु किश्वर ने अपने ट्वीट में लिखा था, “हो सकता है कि आरोपियों के परिवार को बलि का बकरा बनाया जा रहा हो। हो सकता है कि आसिफा की हत्या उन जेहादी रोहिंग्या ने की हो जिन्हें पीडीपी ने जम्मू रीजन में बसाया है। चूंकि रोहिंग्या को जम्मू रीजन में बसाए जाने से जम्मू के हिंदू नाराज़ हैं, इसलिए महबूबा ने इस हत्या को जवाबी रणनीति के तौर पर इस्तेमाल किया हो।”

नेशनल हेरल्ड से बातचीत में प्रशांत भूषण ने कहा कि, “मैंने यह शिकायत इसलिए दर्ज कराई क्योंकि वे लगातार इस तरह के झूठे, सांप्रदायिक, घृणापूर्ण और हिंसा भड़काने वाले ट्वीट करती रही हैं। भारतीय दंड विधान में यह सब करना गंभीर अपराध है”।

अधिवक्ता ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का कोई कार्टून बना ले तो पुलिस आनन-फानन कार्रवाई कर लेती है, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकिचाती है जो सांप्रदायिक नफरत और हिंसा भड़काने का काम करते हैं।”

उन्होंने कहा कि पीएम का कार्टून बनाना कहीं से भी देशद्रोह नहीं है, लेकिन मधु किश्वर के ट्वीट निश्चित तौर पर देशद्रोह की श्रेणी में आते हैं।

प्रशांत भूषण ने कहा कि, “मधु किश्वर के खिलाफ शिकायत दर्ज होनी चाहिए थी। बहुत से ऐसे लोग हैं जो इस किस्म के ट्वीट करते हैं। लेकिन हमें रिंग लीडर को ही पकड़ना चाहिए। मधु किश्वर ऐसे लोगों की रिंग लीडर हैं जो सांप्रदायिक अपराध करते हैं।”

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