सुस्त चल रही अर्थव्यवस्था पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के बयान पर अब सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा कि वो इस बात को सामने रखने के लिए बधाई के पात्र है।
प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मोदी सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि मैं हैरान हूं कि अभी तक देश की अर्थव्यवस्था के लिए बीजेपी ने पंडित नेहरू को ज़िम्मेदार नही ठहराया। इस दौरान उन्होंने कहा ऑटोमोबाइल क्षेत्र में संकट जगजाहिर है। ऑटो सेक्टर में 3,50,000 लोग नौकरी से निकाले गए हैं। अकेले मारुति सुजुकी ने लगातार छठे महीने अपने उत्पादन में 25% की कटौती की है
यूपीए कार्यकाल की याद दिलाते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर कम होकर 5.7% हो चुकी है, जो पिछले 5 वर्षों में सबसे खराब प्रदर्शन है और इस बात पर गौर करने की जरूरत है कि यह 2011-2012 के आधार वर्ष के साथ 5.7% है।
गिरती अर्थव्यवस्था पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष बोले- 70 सालों में नकदी का ऐसा संकट कभी नहीं देखा
उन्होंने कहा कि बिस्किट निर्माता पारले जी ने घोषणा की है कि वे 10,000 लोगों को नौकरी से निकाल देंगे। आज सुबह रुपया डॉलर के मुकाबले 72 के आंकड़े को पार कर गया और इसके साथ यह एशिया में सबसे कमजोर मुद्रा बन गया।
चाय और अंतः वस्त्र उद्योग अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व के पूर्व चेयरपर्सन ग्रीनस्पैन ने ग्रीनस्पैन इंडेक्स बनाया, में माना कि अगर इनर-वियर उद्योग संकट में है, तो इसका अर्थ है कि अर्थव्यवस्था विस्फोट की कगार पर है।
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— Congress Live (@INCIndiaLive) August 23, 2019
क्या कहा नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने?
दिल्ली में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे पिछले 70 सालों में किसी ने ऐसी परिस्थिति नहीं देखी जहाँ सारा वित्तीय क्षेत्र उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है और निजी क्षेत्र में कोई भी दूसरे पर भरोसा नहीं कर रहा है। कोई भी किसी को कर्ज़ देने को तैयार नहीं है, सब नकद दाबकर बैठे हैं। ऐसा कहना है नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का जिन्होंने गिरती अर्थव्यवस्था पर अपनी बात रखी।
जो ‘कश्मीर’ में प्लाट देख रहे हैं वो मोदीराज में डूब रही ‘अर्थव्यवस्था’ को क्यों नहीं देख पा रहे हैं
राजीव कुमार ने कहा कि हमें इस जड़ता वाली स्थिति को तोड़ने के लिए अभूतपूर्व क़दम उठाए जाने की आवश्यकता है। निजी क्षेत्र को सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की आशंकाओं को दूर करने के लिए सरकार को हरसंभव प्रयास करना चाहिए।
नोटबंदी,जीएसटी जैसे कानून पर बोलते हुए राजीव कुमार ने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी और आईबीसी (दीवालिया क़ानून) के बाद हर चीज़ बदल गई है। पहले 35 फ़ीसदी नक़दी उपलब्ध होती थी, वो अब काफ़ी कम हो गया है। इन सभी कारणों से स्थिति काफ़ी जटिल हो गई है।