लोकतंत्र में जनता जनार्दन ही सबकुछ है, वैसे जनता सबकुछ है यह महज कहने भर को है लेकिन देश में क्या कुछ हो रहा है ‘जनता’ सब जानती है। ज़रूरत है तो उसे बस याद दिलाने की। यहाँ जनता की बात इसीलिए की जा रही है क्योंकि जनता इस बात की गवाह है कि किस सरकार ने कौन सी योजना चलाई वो उसे पता है।

सरकार और पार्टी आकड़ों से भले हेरफेर कर सकती है मगर लोगों से नहीं। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे है कि दिल्ली में मोदी यूपी में योगी दोनों लोग मनमोहन और अखिलेश के कामों का फीता काट रहे हैं।

लगातार बीजेपी सरकारों पर आरोप लग रहे हैं कि वो पिछली सरकारों द्वारा किए गए कामों पर बस ‘फीता’ काट रही है। इसका ताजा उदाहरण आज गाजियाबाद में देखने को मिला। दरअसल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गाजियाबाद में देश के सबसे लम्बे एलिवेटेड रोड का उद्घाटन किया। यह एलिवेटेड रोड 9 किलोमीटर लम्बा है।

बता दें कि इस रोड की शुरुआत 1470 करोड़ की लागत से 2014 में हुई थी। यानि अखिलेश सरकार के कार्यकाल में तीन साल पहले काम शुरू हुआ और जब काम पूरा हो गया तो सीएम योगी ने इस रोड का ‘फीता’ काटकर उद्घाटन कर दिया।

अखिलेश यादव सरकार द्वारा करवाए गए नोएडा मेट्रो और लखनऊ मेट्रो के काम का भी श्रेय योगी सरकार ने अपना बताकर ले लिया था। जबकि नोएडा और लखनऊ मेट्रो का काम अखिलेश यादव ने शुरू करवाया था। बाद में उद्घाटन करते समय सीएम योगी और पीएम मोदी ने अखिलेश यादव को समारोह में बुलाया तक नहीं।

इसीलिए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नारा ‘काम बोलता है’ यह स्लोगन शुक्रवार को बोलने के साथ में दिखाई भी दिया। ट्विटर पर #GhaziabadThanksAkhilesh ट्रेंड कर रहा है इसकी वजह अखिलेश द्वारा किए गए काम हैं।

फीता काटने के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कुछ कम नहीं हैं, वो तो फीता काटने का काम 2014 से ही करते आ रहे हैं। असम में बने सबसे लंबे पुल का उद्घाटन हो या जम्मू कश्मीर में बनी हुई सुरंग/टनल का, इनका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया लेकिन इन सबका लगभग पूरा काम मनमोहन सिंह सरकार ने किया था। मोदी सरकार पर आरोप लगे कि पिछली सरकार द्वारा शुरु की गई परियोजनाओं के उद्घाटन करने और नाम बदलने के अलावा इस सरकार ने कोई काम नहीं किया है।

मोदी सरकार ने अबतक के अपने कार्यकाल में बड़े काम में नोटबंदी किया है लेकिन नोटबंदी भी कोई कारगर नहीं साबित हुई है। नोटबंदी को लेकर जो दावे किए गए थे वो सभी फेल होते दिखाई दिए।

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