मोदी सरकार के करीबी माने जाने वाले और इन दिनों राफेल विवाद के चलते ख़ासा चर्चा में रहे उद्योगपति अनिल अंबानी भी क्या विजय माल्या और नीरव मोदी की तरह देश छोड़कर भाग सकते हैं।
टेलीकॉम उपकरण निर्माता कंपनी एरिक्सन अनिल अंबानी को लेकर ऐसी ही आशंका जताई है।
एरिक्सन ने रिलायंस कम्यूनिकेशन से बकाया राशि न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटकाया है। रिलायंस कम्यूनिकेशन के प्रमुख अनिल अंबानी के साथ हुए समझौते के अनुसार 30 सितंबर तक उन्हें एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये देने थे।
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लेकिन ऐसा नहीं करने पर स्वीडन की उपकरण टेलीकॉम निर्माता कंपनी एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में अनिल अंबानी के खिलाफ अवमाना याचिका दाखिल की।
बता दें, कि अनिल अंबानी पर 45000 करोड़ रुपए का कर्ज है। वो देश के उन उद्योगपतियों में शामिल हैं जिनपर सबसे ज़्यादा कर्ज है। कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की ही कंपनी ‘रिलायंस डिफेन्स लिमिटेड’ को राफेल विमान बनाने का ठेका दिया गया है।
देश में पिछले कुछ सालों से जिस तरह विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे नामी उद्योगपति कर्ज बिना चुकाए भाग रहे हैं जिनकी तस्वीरें प्रधानमंत्री मोदी के साथ सामने आई हैं तो फिर ऐसे माहौल में शायद एरिक्सन को डर सताया होगा।
एरिक्सन कंपनी के अनिल खेर ने बताया कि अनिल अंबानी की कंपनी को सितंबर के आखिर तक बकाया राशि देनी थी लेकिन उन्होंने नहीं दी। जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना याचिका दायर की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरकॉम ने बकया पैसे देने के लिए 60 दिनों का समय मांगा है। वहीं, एरिक्सन ने समय देने से इनकार कर दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में 4 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
ये मामला 2014 की डील से जुड़ा है। एरिक्सन के साथ 2014 में देशभर में टॉवर के मेंटीनेंस की 7 साल के लिए सौदा किया था।
यह मामला एनसीएलटी में चल रहा है। जिसके बाद अनिल अंबानी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि 30 सितंबर तक 550 करोड़ रुपये का भुगतान करें और अगर वह पैसे नहीं देती है तो उसके सभी समझौते व डील रद्द हो जाएंगी।