प्रधानमंत्री को 49 हस्तियों ने लिंचिंग पर चिट्ठी लिख अपनी चिंता व्यक्त की थी। अब ऐसे में मोदी सरकार समर्थक लोगों ने काउंटर चिट्ठी लिख दी। इस चिट्ठी को लिखने वालों में अभिनेत्री कंगना रानौत, फिल्मकार मधुर भंडारकर,गीतकार प्रसुन जोशी जैसे दिग्गजों ने कहा कि चिट्टी लिखकर सरकार की छवि को बदनाम करने के कोशिश की जा रही है।

फिल्ममेकर मधुर भंडारकर, विवेक अग्निहोत्री, फिल्ममेकर अशोक पंडित, प्रसिद्ध नृत्यकार मालिनी अवस्थी सहित कई दिग्गजों ने प्रधानमंत्री मोदी को लिंचिंग पर चिट्ठी लिखने वालों से सवाल किया। जिसमें कहा गया कि जब नक्सल, माओवादी गरीब आदिवासियों की हत्या करते हैं, उन्हें निशाना बताने है तो इन लोगों की आवाज क्यों नहीं निकलती।

इतना ही नहीं पत्र में 3 तलाक पर कहा कि तीन तलाक जैसे मुद्दे पर बात नहीं की जाती जो महिलाओं के हक का सवाल है। इस मुद्दे पर कुछ लोग खामोश हो जाते हैं। हम देख रहे है इस सरकार में लोगों को इतनी आजादी मिली हुई है लोग सरकार की किसी भी हद तक जाकर आलोचना कर सकते है।

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इसके बाद चिट्ठी में प्रधानमंत्री मोदी का बचाव करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने सबका साथ-सबका विकास का मंत्र दिया है। इसमें सबका विश्वास भी शामिल है, मॉब लिंचिंग एक समस्या है। प्रधानमंत्री मोदी इसकी आलोचना कर चुके हैं, राज्य सरकारें इस पर सख्त कदम उठा रही है।

सरकार के समर्थन में लिखा गया ये पत्र लिंचिंग पर लिखी गई चिट्ठी का जवाब है। हैरान करने वाली बात ये है कि इस चिट्ठी में कहीं भी दूर दूर तक फैक्ट पर बात ही नहीं हुई है और ना ही ऐसा कोई आँकड़ा पेश किया गया है। जिससे ऐसा लगे कि लिंचिंग पर लिखी चिट्ठी मोदी सरकार की छवि ख़राब करने के लिए लिखी गई।

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जबकि पहले चिट्ठी जो प्रधानमंत्री मोदी को लिखी गई उसमें भीड़ हत्या और दलित मुस्लिमों पर होने वाले अपराधों का फैक्ट रखा गया था। फिल्म निर्देशक अदूर गोपालकृष्णन और अनुराग कश्यप और अपर्णा सेन समेत 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री मोदी जो लिखी उसमें फैक्ट था।

इस चिट्ठी में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला देते हुए बताvivek agnihotriया की सिर्फ साल 2016 में 840 मामले दर्ज हुए जो सिर्फ दलितों के मामले में दर्ज हुए है। ऐसी घटनाओं पर सिर्फ निंदा करने से काम नहीं चलेगा।

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